चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 900 पेटेंट किए फाइल, 76 हरियाणा के विद्यार्थियों ने की खोज
जागरण संवाददाता हिसार हरियाणा के विद्यार्थियों की सूझबूझ और समझ लोगों की समस्याएं दूर
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा के विद्यार्थियों की सूझबूझ और समझ लोगों की समस्याएं दूर करती नजर आ रही है। यही कारण है कि शोध के क्षेत्र में हरियाणा के विद्यार्थी अपने कदम शिक्षण संस्थानों में बढ़ा रहे हैं। घडूंआ स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने कुछ समय में कुल 900 अलग-अलग पेटेंट फाइल करें हैं, जिमसें से 76 खोज सिर्फ हरियाणा के विद्यार्थियों ने की है। ऐसे में विवि प्रशासन चाहता है कि हरियाणा की प्रतिभा को और आगे लाया जाए। वीरवार को पत्रकार वार्ता में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डा. आरएस बावा ने बताया कि सीयू अपने कदम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जा चुकी है। इस साल कैंपस प्लेसमेंट के दौरान हरियाणा के 1033 छात्रों को नौकरी विवि ने उपलब्ध कराई है। अब सीयू प्रतिभाशाली छात्रों को सीयू 33 करोड़ रुपये की सीयूसीईटी-2021 योजना के तहत 133 अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों के लिए 100 फीसद तक स्कॉलरशिप दे रही है। परीक्षा के लिए विद्यार्थी सीयूसीईटी डॉट सीयूसीएचडी डॉट इन की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। इंजीनियरिग, लॉ, फार्मेसी और कृषि कोर्सों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा अनिवार्य है।
-------------
कैथल के लवलेश ने ²ष्टिबाधितों के लिए बनाई स्मार्ट स्टिक
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र कैथल निवासी लवलेश ने एक विशेष स्मार्ट स्टिक तैयार की है। इस स्टिक में कई सैंसर व जीपीएस तकनीकि का प्रयोग किया है। अगर कोई ²ष्टिबाधित व्यक्ति इस स्टिक के साथ कहीं बाहर जाता है और उसके सामने कोई व्यक्ति या गाड़ी आ जाती है तो यह स्टिक वाइब्रेशन से पहले ही सचेत कर देगी। इसके साथ ही यह बोलकर भी सूचनाएं देगी। इसके साथ ही उन्होंने एक स्मार्ट डस्टबिन भी बनाया है जिसके सामने जाते ही वह खुद व खुद खुल जाएगा। ताकि आप कचरा फेंक सकें। यह सौर ऊर्जा से चालित है। वहीं महिलाओं को आपात स्थिती में बचाने के लिए एक करंट डिवाइस भी बनाई है। जिसको महिलाएं आसानी से अपने बैग में साथ रख सकती हैं।
---------------
भविष्य में सड़क हादसे बचाएगा मोहित का सॉफ्टवेयर
भिवानी निवासी मोहित ने बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ विवि में रहते हुए एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है। इस का प्रयोग गाड़ियों में किया गया। आर्टिफीशिल इंटेलीजेंस और मशीनरी इंटेलीजेंस का प्रयोग कर सड़क हादसों को कम किया जा सकता है। मोहित ने बताया कि उनके साफ्टवेयर में ऐसी तकनीकि प्रयोग की गई है कि गाड़ियां टकराती हैं तो गाड़ी के बाहर लगे एयर बैग खुल जाएंगे। जिससे गाड़ी और अंदर बैठे लोगों को कम नुकसान होगा। वहीं गाड़ी के सामने अचानक से बच्चा या पशु आने पर भी गाड़ी अपने आप बंद हो जाएगी। सीट बेल्ट नहीं लगाई हो तो गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। इसी प्रकार अगर शराब पी हो तब भी गाड़ी शुरू नहीं होगी। मोहित की इसी काबीलियत के चलते उन्हें अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा और गूगल में इंटर्नशिप करने का मौका भी मिल चुका है।