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कबाड़ का काम दिखा काट दिए 85 करोड़ के फर्जी बिल, यूं चला 15 करोड़ की GST चोरी का खेल

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) की हिसार डिवीजन ने हिसार से संचालित एचएस ट्रेडिंग फर्म के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह फर्म बिहार हरियाणा और पंजाब में नेटवर्क बनाकर फर्जी बिलों के जरिए टैक्स क्रेडिट ले रही थी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 01:04 PM (IST)
कबाड़ का काम दिखा काट दिए 85 करोड़ के फर्जी बिल, यूं चला 15 करोड़ की GST चोरी का खेल
हिसार से संचालित एचएस ट्रेडिंग फर्म के जीएसटी चोरी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।

हिसार, जेएनएन। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) की हिसार डिवीजन ने हिसार से संचालित एचएस ट्रेडिंग फर्म के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह फर्म बिहार, हरियाणा और पंजाब में नेटवर्क बनाकर फर्जी बिलों के जरिए टैक्स क्रेडिट ले रही थी। मगर शुरुआती स्टेज में ही पकड़ी गई। हालांकि सितंबर में ही इस फर्म ने 15 करोड़ रुपये का टैक्स चोरी कर लिया। यह आगे कुछ करती, इससे पहले ही सेंट्रल जीएसटी के निशाने पर आ गई।

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दरअसल हिसार के आंबेडकर नगर के पते से एचएस ट्रेडिंग फर्म संचालित हो रही थी।  फर्म ने इसी साल जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीकरण कराया था। पंजीकरण के कुछ समय बाद ही इस फर्म ने बिहार के पटना स्थित तुलसी ट्रेडिंग कंपनी से 85 करोड़ रुपये के फर्जी बिल भी ले लिये, जिनके माध्यम से 15 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर ले लिया।

एचएस ट्रेडिंग फर्म ने बेबी गारमेंट्स का कागजों में व्यापार दिखाया था जबकि हकीकत में उन्होंने लोहे के कबाड़ के बिल लिये। यह फर्म आगे भी करोड़ों रुपये का टैक्स चोरी करने की फिराक में थी, मगर इससे पहले ही केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग के अधिकारियों की नजर पड़ गई, जिसकी जांच कराई तो फर्म पूरे तरीके से फर्जी पाई गई है। इस मामले को सीजीएसटी के रोहतक कमिश्नर विजय मोहन जैन के निर्देशन में हिसार में असिस्टेंट कमिश्नर सचिन अहलावत व उनकी टीम ने उजागर किया है।

स्लम एरिया का दे रखा था पता

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग के अधिकारियों को यह फर्म जीएसटी पोर्टल व ई-वे पोर्टल पर आकलन करने के दौरान संदिग्ध नजर आई। जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने हिसार में एचएस ट्रेङ्क्षडग कंपनी के पते को सत्यापित किया। इस फर्म ने आंबेडकर नगर में दफ्तर दिखाया हुआ था, मगर अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां झोपडिय़ां मिलीं। वहां इस प्रकार की कोई फर्म नहीं थी। ऐसे में यह निश्चित हो गया कि कुछ गड़बड़ है। इसके बाद फर्म खोलने के लिए लगाए गए दस्तावेजों के आधार पर मालिक तक पहुंचा गया तो वह शख्स दिल्ली का निवासी निकला। जो छोटा सा व्यापार करता है, उसने बताया कि उसकी कोई कंपनी ही नहीं है। उसके कागजों का इस प्रकार से कभी प्रयोग ही नहीं किया गया।

पंजाब में भी रजिस्टर्ड मिली फर्म

जब अधिकारियों ने और पड़ताल की तो पाया कि एचएस ट्रेडिंग कंपनी ने जिस पैन कार्ड से हिसार में फर्म खोली, उसी पर चंडीगढ़ स्थित मंडी गोबिंदगढ़ में एमएस ट्रेडिंग नाम से कंपनी संचालित मिली। इन कडिय़ों को मिलाया गया तो मालूम चला कि बिहार से हरियाणा के हिसार में फर्जी बिलों के माध्यम से फर्म की खरीद हो रही है और आगे हिसार की फर्म इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पंजाब में बिलों को भेज रही है। इस ट्रैक में माल कहीं भी नहीं जा रहा। बस करोड़ों की फर्जी बिलिंग हो रही है, जिसके माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा था।


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