हिसार में अब 65 गांव होंगे लाल डोरा मुक्त
डीसी ने कहा कि गांव में आबादी की जमीन का व्यवस्थित रिकॉर्ड ना होने के कारण विवाद पैदा होते थे। स्वामित्व योजना से लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का आधिकारिक रूप से मालिकाना हक मिल जाएगा।
जागरण संवाददाता, हिसार : स्वामित्व योजना के तहत जिला के विभिन्न गांवों को लाल डोरा मुक्त करने को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित हुई। समीक्षा बैठक वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के वित्तायुक्त संजीव कौशल ने ली। जिसमें विभिन्न जिलों के उपायुक्त एवं जिला पंचायत एवं विकास विभाग, राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे।
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने कहा कि अभी तक हिसार के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करते हुए यहां के लाभार्थियों को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में हिसार के लगभग 65 अन्य गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की तैयारियां आरंभ की जाएं। डीसी ने कहा कि गांव में आबादी की जमीन का व्यवस्थित रिकॉर्ड ना होने के कारण विवाद पैदा होते थे। स्वामित्व योजना से लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का आधिकारिक रूप से मालिकाना हक मिल जाएगा।
इन गांवों को किया है लाल डोरा मुक्त
शुरुआती चरण में हिसार के गुंजार, दाहिमा, भोजराज, मिरकां, देवा, मुकलान, भेरिया, सिघरान, पनिहार चक्क, कालवास तथा लाडवा आदि गांवों को स्वामित्व योजना के तहत कवर किया गया है।
छह राज्यों के 763 गांवों में दी है परिवारों को प्रॉपर्टी
एसीएस ने बताया कि गांवों में आबादी की जमीन पर वर्षो से चले आ रहे विवादों को निपटाने की दिशा में स्वामित्व योजना के पायलट फेज के तहत हरियाणा सहित 6 राज्यों के 763 गांवों के 1 लाख परिवारों को प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण किया जा चुका है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वामित्व योजना के तहत अन्य गांवों को भी कवर किया जाना है। इस संबंध में विभिन्न दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के कार्य को पूरी गंभीरता से पूरा किया जाए।
ड्रोन कैमरों से की जाती है मैपिग
गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए ड्रोन कैमरों और नई तकनीक से ग्रामीणों के मकान व प्लॉटों की मैपिग कर उसका डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम केंद्र सरकार की संस्था सर्वे जरनल ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। संबंधित गांवों की पंचायत किसी भी प्रकार के दावे व आपत्तियों का निपटान करेगी।