एप्पल बेर और अमरूद की खेती से बदल रही आदमपुर के किसानों की तकदीर
डीपी बिश्नोई, मंडी आदमपुर कही आपको सेब जैसा कोई फल दिखाई दे तो उसे सेब मत समझिए वह ए
डीपी बिश्नोई, मंडी आदमपुर
कही आपको सेब जैसा कोई फल दिखाई दे तो उसे सेब मत समझिए वह एप्पल बेर हो सकता है। यह विशेष बेर सेब की तरह दिखने वाला चमकदार और सामान्य बेर से बड़ा होता है, जो बाजारों में ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
क्षेत्र में एप्पल बेर और अमरूद की खेती किसानों की तकदीर बदल रही है। सीसवाल निवासी प्रगतिशील किसान मनोहर लाल यादव और किशनगढ़ निवासी कुलदीप यादव के प्रयासों से क्षेत्र में हिसार सफेदा अमरूद और एप्पल बेर किसानों को आकर्षित कर रहे हैं। जल्द ही सामान्य बेरों के मुकाबले बेहतर गुणवत्ता और उत्पादन वाले इन बेरों की खेती राज्य के किसान भी कर पाएंगे। मेट्रो सिटी में एप्पल बेर की डिमांड
क्षेत्र के किसानों ने थाइलैंड के मशहूर एप्पल बेर की फसल करनी शुरू की है। इस फल की डिमांड मेट्रो सिटी में ज्यादा रहती है। क्षेत्र के सीसवाल, सदलपुर किशनगढ़, चबरवाल आदि गांवों के किसानों ने इसकी शुरुआत की है। सीसवाल की लाखपुल ढाणियों में प्रगतिशील किसान मनोहरलाल यादव ने दो एकड़ में एप्पल बेर की खेती शुरू की है। करीब डेढ़ साल की मेहनत से उन्होंने पौधे लगाए थे, जो 8 से 9 महीने में फल देने लगे। पहले साल में हर पौधे में करीब 70 किलो तक बेर हो जाता है। दूसरे साल में यह बढ़कर करीब 100 किलो हो जाता है। जैसे-जैसे पौधों की संख्या और उम्र बढ़ती है, उत्पादन बढ़ता जाता है। शहरों में यह फल 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। हालांकि यह उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है। 5 से 8 फीट लंबे होते हैं पेड़
इसके पेड़ 6 से 8 फीट तक लंबे होते हैं। इसकी शाखाओं में बेर लद जाते हैं, इसके लिए इसे बांस से सहारा देना पड़ता है। प्रत्येक बेर का वजन करीब 100-150 ग्राम होता है। प्रति एकड़ दो लाख रुपये तक का उत्पादन होता है। इसी तरह गांव किशनगढ़ के किसान कुलदीप यादव ने एक एकड़ में 150 पौधे एप्पल बेर, 100 पौधे अमरूद और 40 पौधे नींबू के लगाए हैं। उन्होंने बताया कि इसके पौधे पश्चिम बंगाल से लाए जाते हैं। एक पौधा लगभग 70-80 रुपये में मिलता है। पहले साल में ही यह उत्पादन देने लगता है। यह प्रदेश के वातावरण के अनुकूल है। अमरूद की 40 लाख पौध की तैयार
लाखपुल निवासी प्रगतिशील किसान मनोहर लाल यादव जिले और प्रदेश में कई बार सम्मानित हो चुके हैं। मनोहर बताया कि उन्होंने छह एकड़ में अमरूद, एक-एक एकड़ में कीनू और अंगूर लगा रखे हैं। किसान ने अमरूद की करीब 40 हजार पौध भी तैयार की है। हिसार सफेदा नामक अमरूद से किसान दो लाख रुपये प्रति एकड़ और कीनू व अंगूर से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ कमा रहे हैं। इस तरह किसानों को फलों की खेती से प्रति एकड़ तीन से चार गुना ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। इसकी खेती के साथ किसान कुलदीप यादव ने हिसार सफेदा नर्सरी बनाकर भी अच्छी कमाई की है। उन्होंने पिछले वर्ष सफेदा किस्म के अमरूद के करीब पांच हजार पौधे तैयार किए थे।
कुलदीप छोटे किसानों के लिए मिसाल
कुलदीप ने कुल डेढ़ एकड़ भूमि अमरूद और बेर की खेती भी कर रखी है। साथ ही इसमें नर्सरी बनाकर अमरूद की पौध तैयार करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। वे छोटे किसानों के लिए मिसाल हैं कि आप मेहनत और लगन से काम करें तो खेती भी बड़ी कमाई का जरिया बन सकती है। कुलदीप के प्रयास से ही क्षेत्र में लोग अमरूद और बेर की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। कम पानी और लागत वाली फसल
आदमपुर के कृषि विकास अधिकारी डा. जनकराज पूनिया का कहना है कि कम पानी और लागत की फसल एप्पल बेर क्षेत्र के किसानों की तकदीर संवार रही है। किसानों को खेती के साथ अलग से उपज भी दे सकता है। बेर के पेड़ लगाकर हर साल किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं और बेर किसानों को लखपति बना सकता है। एक बार बेर के पौधे लगाकर किसान की हर साल आमदनी कई गुना बढ़ जाती है।