जीजेयू के 64 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को कोर्ट में मिली जीत, समान काम-समान वेतन विश्वविद्यालय में ही रखा जाए
जीजेयू में 64 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट में
जागरण संवाददाता, हिसार: जीजेयू में 64 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट में चल रहे मामले में जीत मिली है। वर्ष 2018 में जीजेयू के 64 असिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में समान काम समान वेतन, नियमित फैकल्टी न आने तक जॉब पर रखने व छुट्टियों की भी सैलरी देने बारे याचिका दायर की थी। कांट्रेक्ट फेकल्टी एसोसिएशन व हुक्टा के प्रधान देवेंद्र ने बताया कि 2018 में अक्तूबर महीने में इस मामले में याचिका दायर की गई थी। अब कोर्ट की ओर से फैसला आया है कि जीजेयू को कोर्ट में याचिका दायर करने वाले 64 असिस्टेंट प्रोफेसर को 35 हजार से बढ़ाकर 57700 रुपये सैलरी देने, गर्मियों की छुट्टियों की सैलरी देने तथा विश्वविद्यालय में जब तक इनकी जगह नियमित टीचर नहीं आ जाते तब तक इन्हें रखने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ-साथ इस मामले में कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर को रखने से मना करने वाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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एचएसबी के 11 असिस्टेंट प्रोफेसर भी शामिल -
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस विभाग के डायरेक्टर ने जिन 11 असिस्टेंट प्रोफेसर को न रखने के आदेश जारी किए थे। वह असिस्टेंट प्रोफेसर भी इनमें शामिल हैं। हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस विभाग के डायरेक्टर एनएस मलिक ने विभाग में 11 असिस्टेंट प्रोफेसर को रखने से मना कर दिया था। ये असिस्टेंट प्रोफेसर पिछले वर्ष ही विभाग में कांट्रेक्चुअल फेकेल्टी के तौर पर लगाए गए थे। लेकिन इस बार प्रो. मलिक ने रिक्वायरमेंट न होने की बात कहकर इन्हें रखने से मना कर दिया था।
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कुलपति के आदेशों की भी कर दी थी अवेहलना
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने भी एचएसबी डायरेक्टर मलिक 11 असिस्टेंट प्रोफेसर को रखने के आदेश जारी किए थे। लेकिन प्रो. मलिक ने कुलपति के आदेशों की अवहेलना करते हुए इन्हें लगाने से मना कर दिया था। हालांकि इनमें से एक असिस्टेंट प्रोफेसर इस मामले से पीछे हट गए हैं क्योंकि उनका किसी अन्य विभाग में सिलेक्शन हो गया। इसके चलते अब इनमें से भी 10 असिस्टेंट प्रोफेसर को कोर्ट के आदेशों के अनुसार विश्वविद्यालय को लगातार जॉब पर रखना होगा, जब तक कि इनकी जगह नियमित टीचर्स की भर्ती नहीं हो जाती।
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कोर्ट के आदेशों के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर को विश्वविद्यालय में ही रखा जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर को पहले अन्य विभागों में एडजस्ट किया जाएगा। वहीं कोर्ट के अन्य आदेशों को पूरा किया जाएगा।
- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, जीजेयू।