World AIDS day : युवा आ रहे एड्स की चपेट में, ज्यादातर की उम्र 22 से 45 के बीच
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले पांच वर्षों में 564 एचआइवी एड्स के पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें से 72 पॉजिटिव वर्ष 2020 में जनवरी माह से अक्टूबर माह के मध्य पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एचआइवी एड्स पॉजिटिव मिलने के बाद उसकी काउंसिलिंग भी की जाती है।
हिसार/झज्जर, जेएनएन। आज विश्व एड्स दिवस है। एचआइवी एड्स जैसी लाइलाज बीमारी पैर पसार रही है। लगातार पॉजिटिव मिलने वालों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। पिछले पांच सालों की बात करें तो जिले में 564 एचआइवी एड्स के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
एचआइवी एड्स के बढ़ते मामले इसलिए भी अधिक चिंताजनक हैं, कि इसकी चपेट में आने वाला अधिकतर युवा वर्ग है। वहीं एचआइवी पॉजिटिव पाने वाले लोगों में 22 से 45 वर्ष की उम्र के अधिक हैं। देश का भविष्य भी युवा वर्ग पर ही निर्भर करता है। ऐसे में एड्स जैसी बीमारी की चपेट में आता देश का भविष्य कोई अच्छा संदेश नहीं दे रहा। इसलिए, एड्स को नियंत्रित करने के लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा। ताकि, सावधानियां बरतकर एड्स जैसी बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके। जो एड्स के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें नशे की लत भी एक कारण पाया जा रहा है।
इस साल 72 लोग मिल चुके पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग जागरूकता की नींव पर कदम बढ़ाते हुए एड्स की रोकथाम करने में जुटा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भी लगाम नहीं लग पा रही। मरीजों को निश्शुल्क उपचार से लेकर अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही हैैं। जागरूकता अभियानों के बाद भी एचआइवी पॉजिटिव लगातार मिलते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले पांच वर्षों में 564 एचआइवी एड्स के पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें से 72 पॉजिटिव वर्ष 2020 में जनवरी माह से अक्टूबर माह के मध्य पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एचआइवी एड्स पॉजिटिव मिलने के बाद उसकी काउंसिलिंग भी की जाती है। ताकि वह हिम्मत ना हारे और ठीक से उपचार लें। जिससे सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। लोग उपचार भी ले रहे हैं।
एचआइवी एड्स के लक्षण
- वजन कम होना।
- लगातार खांसी रहना।
- बार-बार जुकाम होना।
- बुखार, सिरदर्द व थकान रहना।
- शरीर पर निशान या धब्बे होना
- हैजा
- भोजन में अरुचि
नोट : एड्स के लक्षण लंबे समय बाद ही दिखाई देते हैं और ये लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं, इसलिए जांच से ही पुष्टि हो सकती है।
फैलने के कारण
- दूषित रक्त चढऩे से।
- संक्रमित सुई के इस्तेमाल से।
- एड्स संक्रमित मां से उसकी संतान में।
- असुरक्षित यौन संबंधों से
- नशीली दवाइयों के इंजेक्शन द्वारा भी फैलने का खतरा रहता है।
- एचआइवी एड्स संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से।
स्वास्थ्य विभाग लगातार चला रहा अभियान
झज्जर के सीएमओ डा. संजय दहिया का कहना है कि विभाग एचआइवी एड्स को नियंत्रित करने के लिए जुटा हुआ है। मुख्य रूप से लोगों को जागरूक करने का अभियान जारी है। आगे और भी तेजी से अभियान चलाया जाएगा। ताकि जनजन तक जागरूकता फैलाई जा सके, जिससे सकारात्मक परिणाम मिलें।