जान का खतरा बताकर पांच साल में एसएचओ से प्रधानमंत्री तक दी 4000 शिकायतें, फिर भी नहीं बची जान
जागरण संवाददाता हिसार मोहब्बतपुर गांव का बलवंत सिंह आदमपुर थाने से लेकर प्रधानमंत्री और
जागरण संवाददाता, हिसार :
मोहब्बतपुर गांव का बलवंत सिंह आदमपुर थाने से लेकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय तक शिकायत भेजकर जान का खतरा बता चुका था। मगर फिर भी उसकी जान नहीं बची। पुलिस ने उसे गनमैन मुहैया कराया था। वह हमले के समय उसके पास मौजूद नहीं मिला। बलवंत पांच साल में करीब 4000 शिकायतें भेजकर जान के खतरे का अंदेशा जता चुका था।
मोहब्बतपुर गांव के रमेश कुमार ने बताया कि उसका चाचा हनुमान भूतपूर्व सैनिक है। उसने साल 2014 से उनके परिवार के सदस्यों की नाक में दम कर रखा है। अब चाचा हनुमान ने साजिश के तहत अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके पिता का कत्ल कर डाला। उसने बताया कि चाचा हनुमान और वेदप्रकाश जमीन के विवाद को लेकर हमारे परिवार से साल 2014 से लड़ाई-झगड़ा करते आ रहे हैं। हम अब तक 4000 शिकायतें दे चुके हैं। वे आदमपुर थाना, एसपी, आइजी, डीजी, सीएम, मानवाधिकार आयोग, प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय तक शिकायतें दे चुके हैं। करीब 500 शिकायतें तो अकेले सीएम विडो में दी जा चुकी हैं। सीएम विडो की शिकायतों पर जांच अधिकारियों ने मनमर्जी से जांच की। पुलिस ने उसके पिता के खिलाफ ही झूठा केस दर्ज कराने का केस दर्ज किया था। अदालत ने न्याय देकर उनको बरी किया था। पिछले साल अक्तूबर में पुलिस ने उनकी कृषि भूमि को धारा 145 के तहत कब्जे में लेने का प्रयास शुरू किया था। वह मामला अब तक आदमपुर थाना में है। हम तब से अपनी जमीन पर काश्त नहीं कर रहे हैं। जबकि उसका चाचा फसल बीज रहा है। एक पूर्व एसएचओ ने झूठी रिपोर्ट तैयार कर कहा था कि बलवंत सिंह को बिजाई करा दी है और उसे अब गनमैन की जरूरत नहीं है।
चाचा चार बार हमला कर चुका था, सीबीआइ करें जांच : रमेश
रमेश कुमार का कहना है कि उसके पिता की हत्या की जांच सीबीआइ के हाथों में सौंपी जानी चाहिए। उसके पिता पर पहले चाचा हनुमान चार बार हमले कर चुका है। 22 जून को किए हमले में उनके पिता की टांग में फ्रेक्चर आया था। उनका प्लस्तर अब तक नहीं उतरा था कि अब उनकी हत्या कर दी गई।