134-ए : 378 बच्चे दाखिले से वंचित, 70 को निजी स्कूलों ने दाखिला देने से किया इन्कार
शिक्षा विभाग ब्लाक के हिसाब से करेगा पता क्यों नहीं ले रहे दाखिला
-शिक्षा विभाग ब्लाक के हिसाब से करेगा पता, क्यों नहीं ले रहे दाखिला या क्या कारण
जागरण संवाददाता, हिसार : जिले में 134-ए के तहत अलाट सीटों में से 378 विद्यार्थी दाखिला से वंचित है। इनमें से करीब 70 बच्चे ऐसे है, जिनको निजी स्कूलों ने दाखिले देने से इन्कार कर दिया है। ऐसे तीन से चार निजी स्कूल है। कुछ बच्चे ऐसे है, जो न दाखिले के लिए आ रहे है और न हीं अभी तक रिजेक्ट हुए है। बताया जा रहा है कि कुछ बच्चे मनपसंद स्कूल न मिलने के कारण दाखिला नहीं रहे है और कुछ के कागज पूरी नहीं। अब शिक्षा विभाग ब्लाक के हिसाब से बच्चों के अभिभावकों से फोन से बातचीत कर पता करेगा कि दाखिला क्यों नहीं ले रहे या क्या कारण है। जिले में 134-ए के तहत सीटें अलाट होने के बावजूद जिन निजी स्कूलों ने बच्चों का दाखिला देने से मना कर दिया है। उनकी रिपोर्ट बुधवार तक शिक्षा विभाग संबंधित ब्लाक से जुटाकर तैयार करेगा। इसके बाद पंचकूला मुख्यालय को भेजी जाएगी। इन पर शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई कर सकता है। इनको पहले नोटिस भेजा जाएगा। अगर जवाब ठोस नहीं रहा तो विभाग इनकी मान्यता भी रद्द कर सकता है। वहीं दो निजी स्कूल ऐसे भी है, जो नोटिस दिए जाने के बाद पीछे हटे है। करीब 25 बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला मिला है।
रिजेक्ट होने वालों का आंकड़ा पहुंचा 900 पार
134-ए के रिजेक्ट होने वाले बच्चों का आंकड़ा 900 के पार पहुंच गया है। सोमवार तक आंकड़ा 800 था। 1776 बच्चों का दाखिला हो चुका है। यह डाटा मंगलवार शाम तक पोर्टल पर अपडेट हुए आंकड़े का है। शिक्षा विभाग जल्द से जल्द आंकड़ा जुटाकर अपडेट करेगा। इसके बाद ही अगली सूची जारी होगा। अभी पोर्टल खुला है और दाखिल की प्रक्रिया चल रही है।
रिजेक्ट होने वालों का बढ़ रहा आंकड़ा
पिछले तीन दिन से रिजेक्ट होने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़ रहा है। 15 जनवरी तक 300 था। अगले दो दिन में 300-300 का उछाल आया और अब 900 के पार कर गया है। इसका कारण है कि किसी का नाम गलत था तो किसी ने क्लास सही नहीं भरी और किसी को अपना मनपसंद स्कूल नहीं मिला। किसी बच्चे का दाखिला तो हो रहा था, पर स्कूल का वैन चार्ज अधिक था। इसे अभिभावक देने में असक्षम है।
वर्जन
अब 134-ए के 378 बच्चों का दाखिला होना बाकी है। कुछ दाखिला लेने नहीं आ रहे तो कुछ के कागज पूरे नहीं है। पता लगाया जाएगा कि क्या कारण है। इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।
- धनपत राम, डीइइओ।