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चार साल की बच्‍ची से दुष्‍कर्म के बाद जागा प्रशासन, निजी स्कूलों की बसों की होगी जांच

पंजाब में स्कूल बस के साथ हुए हादसे के बाद शिक्षा विभाग अलर्ट। जिला शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के वाहनों को नियमों पर परखेगा सही न पाए जाने पर दिए जाएंगे नोटिस

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:19 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:19 AM (IST)
चार साल की बच्‍ची से दुष्‍कर्म के बाद जागा प्रशासन, निजी स्कूलों की बसों की होगी जांच

हिसार, जेएनएन। पंजाब के संगरूर में एक प्राइवेट स्कूल की पुरानी वैन में चार मासूम बच्चों के जिंदा जलने की घटना के बाद जिला शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जिले के करीब 800 निजी स्कूलों की करीब 2500 बसों को नियमों पर परखा जाएगा। पंजाब में एक प्राइवेट स्कूल ने पुरानी गाड़ी को स्कूल वैन बनाया हुआ था।

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इस वैन में आग लगने से चार से 6 साल के मासूम जिंदा जल गए। जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूल वाहनों की चेकिंग करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नियमों पर स्कूल खरे उतर रहे हैं या नहीं, परखा जाएगा। यदि किसी स्कूल की बसें अथवा वैन नियमों पर खरा नहीं उतरती हैं तो उन्हें नोटिस दिया जाएगा और स्कूल की मान्यता रद करने के लिए भी शिक्षा निदेशालय को लिखा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने बसें चलाने के लिए जारी कर रखी हैं यह गाइडलाइन

- बसों पर स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए।

- बसों का उपयोग स्कूली गतिविधियों व परिवहन के लिए ही किया जाएगा।

- वाहन पर पीला रंग हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम होना चाहिए।

- वाहन चालक को न्यूनतम पांच वर्ष का वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।

- डिवाइस लगी हो, ताकि ड्राइवर को धुंध में भी रास्ते का पता रहे।

- सीट के नीचे बस्ते रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

- बस में चालू हालत में अग्निशमन यंत्र रखा हो।

- बस में कंडक्टर का होना भी अनिवार्य है।

- बस के दरवाजों का लॉक सिस्टम ठीक होना चाहिए।

- बस में प्राथमिक उपचार के लिए फस्र्ट ऐड बॉक्स होना चाहिए।

- बसों की खिड़कियों में ग्रिल लगी हों।

- बस में ड्राइवर-कंडक्टर के साथ उनका मोबाइल नंबर भी लिखा हो।

- बस के अंदर सीसीटीवी भी इंस्टॉल होना चाहिए।

- स्कूली वाहन के रूप में चलने वाले पेट्रोल ऑटो में पांच, डीजल ऑटो में आठ, वैन में 10 से 12, मिनी बस में 28 से 32 और बड़ी बस में ड्राइवर सहित 45 विद्यार्थियों को बैठाया जा सकता है।

- किसी भी ड्राइवर को रखने से पहले उसका वेरिफिकेशन होना जरूरी है।

- चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए, न ही उसके खिलाफ कोई मामला हो।

- बस में बच्चों को लाने व छोडऩे के लिए महिला कर्मचारी भी होनी चाहिए।

--------सभी स्कूल संचालकों को समय-समय पर वाहनों की मरम्मत करवानी चाहिए। ऐसे वाहनों से बचें जो पुराने हो चुके हों और चलाने लायक न हों। चालक को वाहन पर पूरा ध्यान देना चाहिए। तभी इस तरह के मामलों में कमी आ सकती है।

-सत्यवान कुंडू, प्रदेशाध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल संघ।

------जिले के सभी निजी स्कूलों की बसों की चेङ्क्षकग करवाई जाएगी। अगर किसी स्कूल द्वारा नियमों में लापरवाही बरती जा रही है तो उसे नोटिस जारी किए जाएंगे। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद करने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।

-धनपत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार।


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