शहर के बंदर हुए खुंखार, हाउसिग बोर्ड में अब तक 20 व शिव नगर में 4 बच्चों को काटा
शहर में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सेक्टर
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सेक्टरों के लोग तो बंदरों के आतंक से परेशान तो थे ही अब कालोनियों में बंदरों ने लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। हाउसिग बोर्ड और शिव नगर में इलाकों में बंदरों के झुंड ने अब लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया है। अकेले सेक्टर 1-4 स्थित हाउसिग बोर्ड में अब तक 20 लोगों व शिव नगर में 4 बच्चों को बुरी तरह काटकर घायल कर चुके हैं। ऐसे ही सेक्टर 15 में आए दिन बंदर किसी न किसी को चोटिल कर देते हैं।
गुरुवार को बंदरों ने हाउसिग बोर्ड निवासी व्यक्ति को घायल कर दिया। वह व्यक्ति घर की छत पर चढ़ा था कि अचानक बंदरों ने उस पर हमला कर दिया और वह छत से गिर गया। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। छत से गिरने की वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। हाउसिग बोर्ड में बंदरों के काटने की वजह से एक व्यक्ति को 48 टांके आए और घाव पकने की वजह से उसका ऑपरेशन करवाना पड़ा। उससे 3 दिन पहले एक 3 साल की लड़की वंशिका को बुरी तरह से काट कर घायल कर दिया था। बंदरों के हमले से परेशान होकर बृहस्पतिवार को लोगों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन से जल्द से जल्द इन बंदरों को पकड़ने की मांग की। लोगों का कहना है कि बंदरों का आतंक इतना है कि बच्चे व बुजुर्ग बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। आए दिन बंदर किसी न किसी को घायल कर देते हैं। शिव नगर में बच्चों पर हमले कर रहे बंदर
पिछले एक हफ्ते से शिवनगर के अंदर बंदरों ने बच्चों को बहुत बुरी तरीके से जख्मी किया है। बंदर घरों में घुसकर भी तोड़फोड़ कर रहे हैं। हाल ही में मिल गेट पर काफी बच्चों को बंदर काट चुके हैं। गली नंबर 3 के स्थाई निवासी पंकज सोनी ने बताया कि गली नंबर 3 में ही पिछले दो दिनों में चार बच्चों को बंदर काट चुके हैं। यहां पर उनके इलाज के लिए भी टीके नहीं मिल रहे हैं। सिविल अस्पताल में बच्चों को टीके नहीं मिल पा रहे हैं। गुरुवार को भी गली नंबर 3 में खेल रहे एक छोटे बच्चे को बंदर ने बुरी तरह जख्मी कर दिया। नगर निगम और वाइल्ड लाइफ से हमारी गुजारिश है कि वे इन बंदरों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। केस -एक
बंदरों के कारण हो चुकी है दादी-पोते की मौत
सेक्टर 14 में करीब चार साल पहले नवंबर 2016 में बंदरों के कारण दादी-पोते की मौत भी हो चुकी है। सेक्टर 14 में बंदरों को छत से भगाने के चक्कर में दादी-पौता की मौत हो गई थी। घर की छत पर 11 वर्षीय पोता बंदर को डंडे से भगा रहा था तभी उसका डंडा बिजली के तारों पर भीड़ गया। उसे बचाने के चक्कर में दादी को भी करंट लग गया और उनकी भी मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था। केस-2
सिरसा रोड पर हाउसिग बोर्ड कालोनी में 5 वर्षीय वंशिका घर के आंगन में अपनी बहन के साथ खेल रही थी। उसी दौरान वहां खूंखार बंदर पहुंच गए। उन बंदरों ने वंशिका और उसकी बहन पर हमला कर दिया। वंशिका की बहन तो भागकर अंदर चली गई लेकिन इस दौरान बंदरों ने वंशिका को काट लिया। वंशिका की किलकारी सुन आसपास के लोग व परिजनों ने वंशिका को बचाया। बंदर ने वंशिका के बाजू पर काट लिया। सिविल अस्पताल में पहुंचे एंटी रैबिज एंजेक्शन
वहीं सिविल अस्पताल में एंटी रैबिज एंजेक्शन की खेप पहुंच चुकी है। यह इंजेक्शन सिविल अस्पताल में बाहर की बजाय सस्ता है। सामान्य व्यक्ति के लिए 100 रुपये इसकी कीमत रखी गई है। वहीं एसी-एसटी, बीपीएल और सरकारी नौकरीपेशा वालों के लिए यह इंजेक्शन मुफ्त में लगाए जाते हैं।
बंदरों के काटने से फैल सकता है रैबिज
सीएमओ डा. संजय दहिया के अनुसार बंदरों के काटने से रैबिज जैसे खतरनाक बीमारी हो सकती है। बंदरों के दांत किसी चाकू की तरह होते हैं। बंदर के काटने से गहरे जख्म हो सकते हैं। बंदर के दांत अगर नस में लगे तो लगातार खून बहने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इंफेक्शन फैलने का खतरा बना रहता है। सबसे बड़ा प्रभाव व्यक्ति पर मानसिक रूप से पड़ता है। बंदरों के काटने के इतने मामले बढ़ गए हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। मैं तुरंत इस पर संज्ञान लूंगा और वाइल्ड लाइफ की टीम से बात करके जल्द से जल्द अभियान शुरू करवाएंगे।
- अशोक कुमार मीणा, डीसी, हिसार