जागरण संवाददाता, हिसार : डेढ़ माह में 180 तालाब खोदने का लक्ष्य रखा गया है। इसको लेकर हर ब्लॉक में 20 तालाब बनाए जाएंगे। इसके अलावा पूरे साल में जिले में 450 नए तालाब बनाने का लक्ष्य है। नए तालाब बनाने का मुख्य कारण जल संरक्षण करना है। जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जलशक्ति अभियान के अंतर्गत ही यह नए तालाब बनाए जा रहे है। इसके अलावा भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने व जल संरक्षण के लिए अन्य अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
पानी बचाने की मुहिम में लघु सचिवालय में भी रेन हार्वेस्टिग सिस्टम भी लगाया जाएगा। इसको लेकर उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने जल शक्ति अभियान के तहत बैठक भी आयोजित की। तालाब को बचाने और जल संरक्षण की मुहिम के तहत केंद्र सरकार की तरफ से जल शक्ति अभियान शुरू किया है। प्रशासन की तरफ से इसी कड़ी में 180 तालाब मानसून के समय में ही खोदे जाएंगे। उसके बाद अन्य तालाब पर काम शुरू होगा। मनरेगा के तहत होने वाले काम में तेजी से काम करवाया जाएगा। पानी को संरक्षित करना ही उनका लक्ष्य होगा।
विभागों के अधिकारियों की जिम्मेवारी निर्धारित
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने जल शक्ति अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की। जल शक्ति अभियान के लिए जिला जल संरक्षण योजना बनाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने जिला परिषद के सीईओ विकास यादव को इस अभियान का नोडल अधिकारी बनाते हुए उन्हें सभी विभागों से समन्वय बनाते हुए गतिविधियों का आयोजन करवाने को कहा।
भूमिगत जल स्तर सुधार के लिए होगा सर्वे
भूमिगत जल स्तर में सुधार के लिए जिले का बेसलाइन सर्वे करवाया जाएगा। इसमें हांसी-द्वितीय व नारनौंद खंडों में भूमिगत जल स्तर काफी विकट स्थिति में है, इसलिए जल संरक्षण कार्यक्रम में दोनों खंडों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने को कहा। कृषि विभाग को विशेष कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन करने को कहा गया है। इसके अलावा सभी बीडीपीओ को अपने-अपने खंड में कम से कम एक तालाब की खुदाई कल से ही शुरू करवाने के निर्देश दिए। खुदाई से पूर्व तालाब का वाटरशेड मैनेजमेंट प्लान भी बनाया जाएगा। तालाब के चयन में इस बात का ध्यान रखा जाए कि इसमें प्राकृतिक बहाव के अनुकूल पानी आने की व्यवस्था हो। इसके साथ ही मनरेगा के माध्यम से जल संचय के लिए सोख्ता गड्ढे खुदवाने तथा मौजूदा तालाबों का जीर्णोद्धार होंगे।
लघु सचिवालय में लगेगा रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
पानी को बचाने की कड़ी में प्रशासन की तरफ से लघु सचिवालय की बिल्डिग का पानी जमीन में जाएगा। इसको लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाया जाएगा। वहीं जिले के सभी बड़े आकार के भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करवाया जाए। प्रत्येक खंड को सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रणाली लगाने के लिए 5-5 लाख रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा 500 वर्गगज से अधिक आकार के सभी भवनों पर यह प्रणाली लगवाना अनिवार्य है जिसे सख्ती से लागू करवाया जाए।
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