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नेशनल शूटर के हत्यारोपी ने कोर्ट में किया सिरेंडर, 16 साल पुरानी रंजिश में ली थी जान

जागरण संवाददाता हिसार अग्रसेन कॉलोनी निवासी राजेश उर्फ काचर की हत्या मामले में आरोपी

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 07:59 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:59 AM (IST)
नेशनल शूटर के हत्यारोपी ने कोर्ट में किया सिरेंडर, 16 साल पुरानी रंजिश में ली थी जान
नेशनल शूटर के हत्यारोपी ने कोर्ट में किया सिरेंडर, 16 साल पुरानी रंजिश में ली थी जान

जागरण संवाददाता, हिसार : अग्रसेन कॉलोनी निवासी राजेश उर्फ काचर की हत्या मामले में आरोपी धनंजय ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जहां से पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

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एसपी बलवान सिंह राणा ने बताया कि आरोपी को वीरवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस पूछताछ में आरोपित धनंजय ने बताया कि हिसार में उसका बहुत से लोगों से पैसे का लेनदेन था। पैसों की उगाही के लिए राजेश उर्फ काचर से मदद मांगी थी और कहा कि वह उसके पैसे दिलवा दे। पैसे मिल जाने पर आधा हिस्सा तेरा होगा और राजेश उर्फ काचर का असला भी मेरे पास ही था। पुलिस टीम द्वारा हत्या करने का कारण पूछे जाने पर आरोपी ने बताया कि 2004 में मधुबन पार्क में राजेश उर्फ काचर ने मेरी इतनी पिटाई की थी कि उसका शौच पेंट में निकाल गया था। जिसको लेकर राजेश के साथ पुरानी रंजिश थी और राजेश उर्फ काचर मुझ से अपना असला मांग रहा था और असला न देने पर असला की कीमत के पैसे देने को कह रहा था। आरोपित धनंजय ने बताया कि वह उसे असला देना नहीं चाहता था। 2004 वाली रंजिश और असला के कारण उसने राजेश को गोली मार दी। पुलिस टीम द्वारा आरोपी से गंभीरता से पूछताछ जारी है।

यह था मामला

28 दिसंबर को प्रेम नगर में 20 वर्ष पुराने दोस्त ने कैथल से आकर अपने दोस्त के साथ दगेबाजी करते हुए उसके सिर के पीछे तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। आरोपित दिसंबर 2018 में मेयर पद का चुनाव लड़ चुका था। वहीं मृतक राजेश शर्मा राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सिग व शूटिग का खिलाड़ी था। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने मृतक राजेश के बड़े भाई अंकित के बयान पर आरोपित के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरु कर दी थी। मृतक राजेश के पिता बीएमएस डॉक्टर थे। वहीं धनंजय के पिता तहसीलदार के पद से सेवानिवृत हैं।

आरोपित को पकड़ने के लिए छह टीमें लगाई थी

एसपी ने आरोपितों को पकड़ने के लिए 6 टीमें गठित की थी। इन टीमों में सीआई-1 और सीआईए-2 की दो-दो टीमें गठित की है। वहीं एसएचओ सिविल लाइन थाना पुलिस की दो टीमें बनाकर आरोपित को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश दी गई। मगर आरोपित ने टीमों को कई दिन चकमा दिए रखा और कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया।


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