दिव्यांग को पर्वतों की चोटियों को छूते देख जागा जुनून, 16 वर्षीय शिवांगी एवरेस्ट फतह करेगी
16 वर्षीय शिवागी पाठक आगामी 5 अप्रैल को काठमाडु नेपाल से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए चढ़ाई शुरू करेंगी।
जेएनएन, हिसार : मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो न उम्र आड़ आती है और न कोई बाधा आपको मंजिल तक पहुंचने से रोक सकती है। ऐसा ही हौसला हिसार की बेटी 16 वर्षीय शिवांगी पाठक का। अल्फा ग्रेड लेह लद्दाख 6053 मीटर की चढ़ाई करने के बाद शिवांगी माउंट एवरेस्ट को फतह करने जा रही है। वह 5 अप्रैल को काठमांडू नेपाल से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू करेगी।
शिवांगी पाठक ने बृहस्पतिवार को एक रेस्तरां में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। इस दौरान शिवांगी की मां आरती पाठक, पिता राजेश पाठक, कोच रङ्क्षमद्र पानू, ङ्क्षरकू पानू और राघव पाठक मौजूद रहे।
शिवांगी ने बताया कि जब वह 10 साल की थी तो उसने माउंट एवरेस्ट फतह कर चुकी दिव्यांग अरूणा सिन्हा की वीडियो देखी थी। उससे प्रभावित होकर उन्होंने भी एवरेस्ट फतह करने की ठान ली।
इसके बाद उसने पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि सहित कई पहाडिय़ों पर चढ़ाई भी की। शिवांगी ने बताया कि दुनिया की सबसे ऊची चोटी एवरेस्ट को नेपाल और चीन के दोनों रास्तों से फतह करने वाली अनीता कुंडू को भी वह प्रेरणा स्त्रोत मानती हैं।
ग्लोबल स्पेस निवासी शिवांगी पाठक सुबह-शाम विद्युत नगर स्थित एथलेटिक ग्राउंड में कोच ङ्क्षरकू पानू की देखरेख में प्रेक्टिस करती हैं। वह 1 अप्रैल को दिल्ली से नेपाल के लिए रवाना होंगी। शिवांगी की मां आरती पाठक ने बताया कि माउंट एवरेस्ट फतह करने पर 35 लाख रुपये का खर्च आएगा।
बनारस के रणविजय सिंह उठाएंगे अभियान का खर्च
शिवांगी पाठक की माता आरती ने बताया कि उन्होंने कई संस्थाओं से मदद की अपील की, लेकिन कोई आगे नहीं आया। कुछ दिन पहले वह गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में गए थे, जहां उनकी मुलाकात उत्तरप्रदेश के बनारस निवासी व वन पैलेस ग्रुप के चेयरमैन रणविजय ङ्क्षसह से हुई। उन्होंने शिवांगी की पूरी प्रोफाइल देखी। इसके बाद उन्होंने कहा कि शिवांगी का एवरेस्ट चढ़ाई का पूरा खर्च वो स्वयं उठाएंगे।