जिले में 37 स्वास्थ्य केंद्रों पर 1100 गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन, शुगर, बीपी की जांच, 15 फीसद मामले हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मिले
फोटो संख्या 212 जागरण संवाददाता हिसार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तह
फोटो संख्या : 212
जागरण संवाददाता, हिसार: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत शनिवार को जिले में 37 स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच कर महिलाओं में हीमाग्लोबिन, बीपी, शुगर, बुखार, एचआइवी सहित अन्य टेस्ट किए गए। वहीं महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी महिलाओं की पहचान की गई। इस दौरान करीब 1100 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें 15 फीसद महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के लक्षण मिले। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी केसों में वे गर्भवती महिलाएं आती हैं, जिनमें खून की कमी, बीपी व शुगर तथा सिजेरियन डिलिवरी वाली महिलाएं आती हैं। इन महिलाओं की पहचान कर इनमें खून की कमी को पूरा करने के लिए दवाएं उपलब्ध करवाई गईं। साथ ही उचित खान-पान के लिए जागरूक किया गया। वहीं अन्य गर्भवती महिलाओं को भी कैल्शियम व आयरन की गोलियां दी गईं।
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दवाओं के साथ डाइट भी दी गई
अभियान के दौरान महिलाओं को आयरन, कैल्शियम की गोलियां, दूध पाउडर, चना, गुड़ सहित फल भी दिए गए।
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दो निजी अस्पतालों की गायनी डाक्टरों ने भी जांच की
अभियान के दौरान जिले में दो स्वास्थ्य केंद्रों में निजी अस्पतालों की गायनीकोलॉजिस्ट ने गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से एक निजी अस्पताल की गायनी डाक्टर ने सीएचसी सोरखी और एक गायनी ने ऋषि नगर के अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर में अपनी सेवाएं दीं।
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अल्ट्रासाउंड भी निश्शुल्क हुआ
अभियान के दौरान गायनी के लिखने पर गर्भवती महिलाओं के निजी अस्पतालों से निश्शुल्क अल्ट्रासाउंड भी करवाए गए। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 10 निजी अस्पतालों व अल्टासाउंड सेंटर्स से अनुबंध किया हुआ है। ऐसे में जिन महिलाओं को अल्ट्रसाउंड करवाना होता है। उन महिलाओं को इन सेंटर्स में भेजा जाता है।
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यह है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत लाभार्थियों को हर महीने की 9 तारीख को प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं (जांच और दवाओं सहित) का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाता है।
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ई-संजीवन एप भी करवाई गई डाउनलोड
अभियान के दौरान जांच करवाने आने वाली गर्भवती महिलाओं के एंड्रायड मोबाइल पर ई-संजीवनी एप को डाउनलोड करवाया गया है। ई-संजीवन एप के जरिये गर्भवती महिलाएं घर बैठे गायनी डाक्टर से ऑनलाइन संपर्क कर सलाह व दवाएं ले सकती हैं।