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लड़कियों की बजाय लड़कों के स्कूल को किया था अपग्रेड, अब टीचर्स की कमी के कारण स्कूल छोड़ गए 12 विद्यार्थी

सुभाष चंद्र हिसार सीसवाला के ग्रामीणों व छात्राओं ने जिस स्कूल के लिए 27 दिनों तक धरना-प्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 02:14 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 06:17 AM (IST)
लड़कियों की बजाय लड़कों के स्कूल को किया था अपग्रेड, अब टीचर्स की कमी के कारण स्कूल छोड़ गए 12 विद्यार्थी
लड़कियों की बजाय लड़कों के स्कूल को किया था अपग्रेड, अब टीचर्स की कमी के कारण स्कूल छोड़ गए 12 विद्यार्थी

सुभाष चंद्र, हिसार: सीसवाला के ग्रामीणों व छात्राओं ने जिस स्कूल के लिए 27 दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया था। उस स्कूल को तो सरकार ने अपग्रेड किया नहीं, लेकिन जिस लड़के वाले स्कूल को कोएड बनाकर अपग्रेड किया गया, उस स्कूल में भी अब टीचर पूरे नहीं हैं, जिसके कारण इस स्कूल से 12 विद्यार्थी स्कूल छोड़कर चले गए हैं। स्कूल में सिर्फ हिदी और अंग्रेजी के टीचर हैं, वो भी ट्रांसफर ड्राइव के तहत आए हैं, जबकि स्कूल में तीन संकाय साइंस, कॉमर्स और आ‌र्ट्स शुरू की गई हैं। तीन संकायों के मिलाकर प्रिसिपल समेत करीब 15 टीचर्स की पोस्टें सेंक्शन हैं। लेकिन सिर्फ 2 टीचर ही कार्यरत हैं। एक अन्य एसएस टीचर को बीमारी के कारण विभाग में भेजा गया है। टीचर्स की कमी का खामियाजा यह हुआ कि दाखिला लेने वाले 32 विद्यार्थियों में से 12 विद्यार्थी स्कूल लिविग सर्टिफिकेट लेकर चले गए हैं। हालांकि कोएड होने के बाद इस स्कूल में 11वीं में 12 लड़कियों ने दाखिले जरूर लिए हैं।

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14 साल से की जा रही थी स्कूल अपग्रेड करने की मांग

सीसवाला के ग्रामीण करीब 14 साल से गांव में लड़कियों के स्कूल को अपग्रेड करने की मांग कर रहे थे, वर्ष 2015 से ग्रामीणों ने अपनी इस मांग को जोर-शोर से उठाना भी शुरू कर दिया था। काफी प्रयासों के बाद जब बात नहीं बनी तो गांव के सरपंच और स्कूल की छात्राओं ने वर्ष 2016 में हिसार में प्रेसवार्ता कर अपनी मांग रखी थी। वे तत्कालीन संबंधित अधिकारियों से मिले, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से भी मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था। लेकिन अपग्रेडेशन के नियमों को पूरा न कर पाने के कारण स्कूल अपग्रेड नहीं हो सका था।

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मई-2016 में क्रमिक हड़ताल की थी

स्कूल अपग्रेड की मांग को लेकर ग्रामीणों और छात्राओं ने मई 2016 में क्रमिक भूख हड़ताल की थी, जिस कारण 27 दिन तक लड़कियों का स्कूल बंद रहा था। कैप्टन अभिमन्यु ने आश्वासन देकर यह धरना उठवाया था। उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नलवा विकास रैली में अपग्रेड करने की घोषणा की थी, लेकिन 14 दिसंबर 2017 को एयरपोर्ट पर मिलने पहुंचे ग्रामीणों को सीएम ने शिक्षा विभाग के नियमों का हवाला देते हुए अपग्रेड करने से साफ मना कर दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल अपग्रेड कराने के प्रयास बंद कर दिए।

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इन टीचर्स की कमी

टीजीटी - हिदी

टीजीटी - अंग्रेजी

टीजीटी - ड्राइंग

पीजीटी - इतिहास

पीजीटी - ज्योग्राफी

पीजीटी - पॉल साइंस

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27 दिन के प्रदर्शन के बाद लड़कियों वाले राजकीय हाई स्कूल को छोड़कर लड़कों वाले स्कूल को कोएड करके 12वीं तक अपग्रेड किया गया था। लेकिन इस स्कूल से टीचरों की कमी के कारण कई विद्यार्थी स्कूल छोड़ गए हैं।

- राजपाल, सरपंच, सीसवाला।

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स्कूल में टीचर्स की भारी कमी है। प्रिसिपल समेत करीब 12 टीचर्स की यहां रिक्वायरमेंट है। टीचर्स की कमी के कारण 12 विद्यार्थी स्कूल छोड़ कर चले गए हैं। कोएड के बाद 12 लड़कियों ने ही दाखिले लिए हैं।

- निर्मला, अतिरिक्त इंचार्ज, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय।

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सीसवाला स्कूल की मौजूदा इंचार्ज की ओर से टीचर्स की कमी के लिए शिकायत मिलती है तो हम वहां टीचर्स उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे। विद्यार्थियो को शिक्षकों की कमी नहीं आने देंगे।

नीता अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी, हिसार।


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