100 एमएम बारिश से आफत, हांसी में एमई को पीटा, राखी खास में गिरी मकान की छत
बीते तीन दिनों से पानी के रूप में आसमान से बरस रही आफत ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। शहर में जलभराव से लोग तो वहीं किसानों की फसलें बर्बाद होने से किसान सकते में है।
जेएनएन, हिसार : बीते तीन दिनों से पानी के रूप में आसमान से बरस रही आफत ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। शहर में जलभराव से लोग तो वहीं किसानों की फसलें बर्बाद होने से किसान सकते में है। शनिवार से शुरू हुई बारिश रुक रुक कर हो रही है और सोमवार की सुबह भी बारिश हुई। हालांकि बीते दो दिनों की तुलना में यह कम रही मगर शहर की सड़के अभी भी पानी से लबालब हैं। इतना ही नहीं हांसी में तो पानी निकासी की समस्या का निदान न होने की बात को लेकर काला पत्थर इलाके के लोगों ने एमई को पीट दिया। एमई देवेंद्र गक्खड़ को बचाने के लिए पुलिस को भी जद्दोजहद करनी पड़ी। इसके बाद भी लोगों ने किला चौकी के सामने हंगामा किया और चेयरपर्सन प्रतिनिधि ने विनोद सैनी ने जब क्षेत्र का निरीक्षण कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया तो मामला शांत हुआ। वहीं एमई ने इस मामाले को लेकर पुलिस में भी शिकायत नहीं की। लोगों ने पानी जमा होने और घरों में दरार आने की बात को लेकर खूब हंगामा किया। वहीं नारनौंद क्षेत्र के गांव राखी खास में बारिश के कारण मकान की छत गिर गई। गनीमत ये रही कि हादसे के वक्त सभी घर के सदस्य बाहर थे और वो बच गए। मकान मालिक कुलदीप ने कहा कि छत गिरने से उसके परिवार के लिए मुसीबत आन पड़ी है। वहीं बीते तीन दिनों में करीब 100 एमएम बारिश हो चुकी है। बता दें कि शहर में शनिवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला दूसरे दिन भी जिले में जारी रहा। जिससे एक तरफ कई जगहों पर खेतों में पानी खड़ा होने और पौधों के झुक जाने के कारण नुकसान की संभावना बढ़ गई है, वहीं शहर में कई निचले इलाकों और दिल्ली रोड पर पानी भर गया। इससे जगह-जगह पर वाहन खराब हो गए और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जिले में अलसुबह से ही बूंदाबादी होती रही। इसके बाद दिन में रुक-रुक कर कई बार जबरदस्त बरसात हुई। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को शाम साढ़े 5 बजे तक 51.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। हालांकि इसके बाद भी देर रात तक रुक-रुक कर कई बार बारिश होती रही। एक अनुमान के मुताबिक दिन और रात मिलाकर करीब 65 एमएम बारिश हुई। वहीं, बारिश इस बारिश के बाद तापमान पिछले दो दिनों में 7 डिग्री गिरकर 27 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। वहीं, न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले शनिवार को कुल 47.2 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। यानी शनिवार अलसुबह से सोमवार सुबह तक जिले में 100 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है। सितंबर 2011 के बाद दूसरी बार ऐसा हुआ है जब सितंबर माह में बारिश का आंकड़ा 100 एमएम के करीब पहुंच गया है। सितंबर 2011 में 226 और 2013 में 100.9 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी मौसम ऐसा ही रहेगा और तेज बारिश की संभावना है। इसके बाद 25 सितंबर से मौसम साफ होगा। कपास में पानी निकासी का प्रबंध रखें किसान -
जिले में करीब एक लाख 36 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल है। इस बारिश से कुछ जगहों पर खेतों में पानी खड़ा हो गया है। जबकि बाकि जगहों पर पानी जमीन ने सोख लिया है। चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक डा. आरएस सांगवान के अनुसार अब तक हुई बारिश के साथ या बाद में हवा नहीं चली है, जिससे कपास की फसल को बहुत अधिक नुकसान नहीं है। हालांकि जिन पौधों पर ¨टडे खिले हुए थे। वहां नमी के कारण पौधे झुक गए हैं, जिसके कारण ¨टडे गलने या काले पड़ने से नुकसान हो सकता है। किसान अपने खेत में पानी न खड़ा होने दें और अगले एक-दो दिन बारिश की संभावना को देखते हुए पानी निकासी का पूरा प्रबंध रखें। अगर खेत में पानी खड़ा रहा और धूप निकल आई तो नुकसान होगा। धान की फसल में हुआ नुकसान -
जिले में लगभग 59 हजार हेक्टेयर में धान की फसल है। जिसमें से धान की अधिकांश रोपाई नारनौंद और हांसी क्षेत्र में हुई है। चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कौल कालेज के वैज्ञानिक डा. राम¨सह के अनुसार प्रदेशभर में धान की फसल को नुकसान हुआ है। अधिक बारिश के कारण कई जगहों पर फसलें गिर गई हैं। जिसके कारण फसल की कटाई से लेकर फसल की क्वालिटी तक सभी चीजें प्रभावित होंगी। फसल के गिरने से दाना पूरी तरह से नहीं भर पाएगा और उसकी गुणवत्ता गिरेगी। ऐसे में दो दिनों में हुई बारिश ने धान की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अगले दो दिनों में अगर मौसम साफ रहता है तो नुकसान को काफी हद तक रिकवर किया जा सकता है। पानी-पानी हुई सड़के, निगम कमिश्नर ने स्वयं निकलवाई नालों की मिट्टी -
लगातार दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से शहर की निचली सड़कें पानी से लबालब हो गई हैं। जिसके चलते न केवल लोगों का लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया, बल्कि बड़ी संख्या में वाहन भी खराब हो गए। दिल्ली रोड पर भारी मात्रा में जमा पानी की निकासी नहीं होने से आवागमन बेहद धीमा हो गया, जिसके बाद नगर-निगम कमिश्नर अशोक बंसल स्वयं मौके पर पहुंचे और नगर निगम की सफाई शाखा की टीम ने नाले में से मिट्टी निकलवाकर पानी निकासी करवाई। लेकिन इसके बावजूद भी पानी सड़कों पर भरा रहा। बता दें कि दिल्ली रोड पर डाबड़ा चौक से ¨जदल पुल तक बरसाती नाले का निर्माण जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाया जाना है। बरसात के सीजन में दिल्ली रोड पर पानी जमा होने के चलते नाले के निर्माण को लेकर नगर निगम और जनस्वास्थ्य विभाग के बीच खींचतान चल रही है। यहां जमा रहा पानी -
शहर में दिल्ली रोड के अलावा, गुरुद्वारा रोड, मॉडल टाउन, कैंप चौक, पीएलए मार्केट के सामने, मिलगेट रोड, आजाद नगर क्षेत्र, नई अनाज मंडी, सिविल अस्पताल, ऑटो मार्केट, कैमरी रोड, डोगरान मोहल्ला, सैनियान मोहल्ला, ऋषि नगर, माडल टाउन और बारह क्वार्टर सहित आदि इलाकों में पानी जमा रहा। कई कॉलोनियों में नीचे मकानों में पानी घूस गया।