प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों से 10.70 लाख वसूले
कोर्ट की सख्ती के बाद सख्त हुई सरकार 412 किसानों के काटे चालान। कैथल में सबसे अधिक 189 किसानों पर 4.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
जेएनएन, हिसार : प्रदेश में पराली जलाने के मामले पंजाब की तुलना में कम हो मगर प्रदेश सरकार अब पूरी तरह से सख्त है। पराली जलाने पर कोर्ट की फटकार के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने फील्ड में उतरकर काम करना शुरू कर दिया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि किसानों पर एफआइआर और चालान काटने के मामले बढ़ गए हैं। प्रदेश में पराली जलाने पर अब तक 412 किसानों के चालान काटे गए हैं। इन किसानों से करीब 10.70 लाख रुपये वसूले जा चुके हैं।
सबसे ज्यादा कैथल में सर्वाधिक 189 किसानों के चालान काटे गए हैं, जिनसे 4.75 लाख रुपये वसूले गए हैं। जिन आठ जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए, उनमें पानीपत और पलवल में सबसे कम महज दो-दो किसानों के चालान कर पांच-पांच हजार वसूले गए हैं। प्रशासन की इस सख्ती का असर धरातल पर भी देखने को मिल रहा है। हरसैक की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक 5463 आगजनी के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 1445 केस ऐसे हैं जो धरातल पर सही नहीं पाए गए। इन आगजनी के केस में अब तक करीब 1155 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं।
जिला चालान पैनल्टी
कैथल 189 475000
सिरसा 73 215000
यमुनानगर 65 162500
पलवल 02 5000
अंबाला 61 157500
सोनीपत 08 20000
हिसार 12 30000
पानीपत 02 5000
कुल 412 1070000
102 बार फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची
इसके अलावा आगजनी के मामले में 102 बार फायर ब्रिगेड गाडिय़ों ने मौके पर जाकर आग बुझाई है। सबसे ज्यादा फतेहाबाद में 60 बार फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर आग बुझाने गई हैं। फतेहाबाद में 1007 मामले आगजनी के सामने आ चुके हैं। इसमें से 270 मामले ऐसे हैं जहां मौके पर आगजनी नहीं मिली।