आरसीटी और रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के 10 डायरेक्टर फंसे
हिसार आरसीटी प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने और आम आदमी का पैसा जमा करन
जागरण संवाददाता, हिसार : आरसीटी प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने और आम आदमी का पैसा जमा करने के बावजूद घर नहीं देने पर आरसीटी और रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर फंस गए है। पुलिस को शिकायत देकर आरसीटी के निवेशकों ने अब मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अनेक धाराओं में रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर में राजेश बंसल, शम्मी नागपाल, श्याम गोयल, राजेंद्र सिंह, नितिन गर्ग, रविकांत और आरिसटी के डायरेक्टर के रूप में राजेंद्र मित्तल, सरोज रानी, कुशल मित्तल, अरूण मित्तल पर मामला दर्ज कर लिया है।
सेक्टर 9-11 स्थित करीब दस साल पहले यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट शुरू होने काफी साल बाद इस पर बिल्डिग का काम शुरू हुआ। विला बनाए गए लेकिन उनको लोगों को नहीं दिया गया। आरसीटी प्रोजेक्ट के सिरे नहीं चढ़ने पर निवेशकों ने काफी बार अपील की लेकिन बिल्डर्स की तरफ से उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। लोगों की तरफ से इसका विरोध शुरू हुआ और लगातार शिकायत की गई। 2017 में पुलिस को शिकायत की गई तो उसमें बिल्डर्स ने लिखित में दिसंबर 2018 तक काम पूरा कर घर देने की बात कही। तब मामला शांत हो गया। लेकिन काम पूरा नहीं होने पर लगातार शिकायत की जा रही थी। अब पुलिस ने दोबारा से शिकायत दिए जाने पर मामला दर्ज किया है। पुलिस की तरफ से दस लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बाक्स.
हरेरा में चल रहा है केस
आरसिटी के निवेशकों ने हरेरा (हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी) में दिसंबर 2018 में याचिका दायर की थी। निवेशकों ने शिकायत में कहा था कि सेक्टर 9-11 में बनने वाले आरसीटी में शहर के सैकड़ों लोगों ने फ्लैट खरीदा था। फ्लैट की काफी लोगों ने 80 फीसद तक राशि भी दे दी। उस प्रोजेक्ट को बनाने का काम भी 2012 में शुरू हुआ लेकिन कुछ समय बाद ही वह बंद हो गया। इतने साल बीतने के बावजूद न तो फ्लैट मिला और करोड़ों रुपया भी फंस गया। पंचकूला स्थित हरेरा ने निवेशकों द्वारा डाली याचिका पर सुनवाई करते हुए फोरेंसिक ऑडिट टीम से जांच करवाई है। उनकी तरफ से अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है। बाक्स.
सेक्टर 9-11 के साथ 12 एकड़ जमीन पर बनाई है सोसायटी
शहर में सेक्टर के नजदीक ही 12 एकड़ में 2008 में फ्लैट काटने के लिए हिसार हाइट के नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया था। उस समय अनेक लोगों ने फ्लैट बुक करवाया और पैसा जमा करवाया। मगर 2011 में उस प्रोजेक्ट के शुरू नहीं होने और हिसार हाइट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर की तरफ से इसको आरसीटी बिल्डर को दे दिया था। लेकिन करीब दो साल वह काम भी बंद कर दिया। आरसीटी प्रोजेक्ट को बनाने का काम मिलने के बाद काम बंद हो गया। इतने साल बीतने के बावजूद निवेशकों को न तो फ्लैट मिले और करोड़ों रुपया भी उनका फंस गया।
आरसीटी के प्रोजेक्ट की स्थिति
फ्लैटों की संख्या : 301
विला की संख्या : 26
एक फ्लैट की कीमत : 35 से 40 लाख रुपये
एक विला की कीमत : 1 करोड़ रुपये
प्रोजेक्ट शुरू हुआ : 2012 में
काम खत्म होना था : सितंबर 2015।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप