बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है 4000 औद्योगिक इकाइयों वाले क्षेत्र
गुरुग्राम के विकास में यहां के उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम के विकास में यहां के उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान है। यह उद्योग चाहे नियमित क्षेत्र में हों या अनियमित क्षेत्र में। दौलताबाद, कादीपुर, बसई रोड व बेहरामपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी विभागों द्वारा विकास कार्य एवं बुनियादी सुविधाएं महज इसलिए नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं कि इन्हें प्रशासनिक स्तर पर अनियमित की श्रेणी में रखा गया है। जबकि यह औद्योगिक क्षेत्र हरियाणा के अस्तित्व में आने के पहले से ही स्थापित हैं। यहां की लगभग 4000 औद्योगिक इकाइयां बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हैं।
गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) द्वारा गुरुग्राम के अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य कराने व बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पत्र लिखा गया है। उन्हें अवगत कराया गया है कि इन क्षेत्रों में लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग स्थापित हैं। जहां पर लगभग दो से तीन लाख कामगार नौकरी करते हैं। बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां मारुति, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड के लिए कल पुर्जे व सहायक उपकरण उपलब्ध कराते हैं। जीआइए का कहना है कि इन औद्योगिक इकाइयों को बिजली कनेक्शन सरकारी स्तर पर मुहैया कराए गए हैं। इनके पास प्रदूषण व फायर लाइसेंस भी हैं। प्रॉपर्टी टैक्स व जीएसटी का भी भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद इन क्षेत्रों में सड़क, सीवर, पेयजल व बरसाती पानी के निकासी जैसी मूलभूत जरूरतों का अभाव है।
ऑल इंडिया मैन्यूफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा एमएसएमई को राहत देने के लिए घोषणा की थी कि जिन औद्यौगिक क्षेत्रों में 70 प्रतिशत उद्योग विकसित हो चुके हैं उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की मांग लंबे समय से चल रही है। इसे लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जीआइए द्वारा पत्र लिखा गया है। उनसे मांग की गई है कि इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के कार्य जल्द शुरू कराए जाएं। जिससे 4000 औद्योगिक इकाइयों व वहां काम करने वालों को बुनियादी संकट का सामना नहीं करना पड़े।
-जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए)