Move to Jagran APP

स्वच्छ सर्वेक्षण: वाटर प्लस देगा शहर की रैंकिग को मजबूती

सीवर के पानी से होने वाले प्रदूषण को रोकने व पानी को बचाने का संदेश देने और नागरिकों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस को शामिल किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:15 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण: वाटर प्लस देगा शहर की रैंकिग को मजबूती
स्वच्छ सर्वेक्षण: वाटर प्लस देगा शहर की रैंकिग को मजबूती

संदीप रतन, गुरुग्राम

loksabha election banner

स्वच्छ सर्वेक्षण के वाटर प्लस में गुरुग्राम की रैंकिग को मजबूती मिलने की उम्मीद है। सीवर के पानी से होने वाले प्रदूषण को रोकने व पानी को बचाने का संदेश देने और नागरिकों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण में 'वाटर प्लस' को शामिल किया गया है। निगम अधिकारियों का दावा है कि वाटर प्लस के मानकों पर शहर खरा उतर रहा है और इसमें अच्छे अंक मिलने की उम्मीद है।

बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए कुल छह हजार अंक तय किए गए हैं, इसमें से 200 अंक वाटर प्लस के लिए निर्धारित हैं। नगर निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि कई पैमानों पर अभी भी निगम को मेहनत करनी होगी, लेकिन वाटर प्लस के लिए तैयारियां पूरी है। स्वच्छता सलाहकार डा. हरभजन सिंह के मुताबिक सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए भी शोधित पानी का ही छिड़काव किया जा रहा है।

-- वाटर प्लस के लिए ये हैं मुख्य नियम

- सभी घरों में सेप्टिक टैंक की व्यवस्था या सीवर लाइन से जुड़े होना जरूरी है।

- सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए टैंकरों की व्यवस्था होनी चाहिए। नालों या खुले में अपशिष्ट न डाला जाए।

- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों में सीवर के पानी को शोधित कर इसके दोबारा इस्तेमाल की व्यवस्था होनी चाहए।

--

80 एमएलडी शोधित पानी का हो रहा दोबारा उपयोग

गुरुग्राम में बहरामपुर में 50 एमएलडी व 120 एमएलडी क्षमता के दो व धनवापुर में 100, 68 व 50 एमएलडी क्षमता के तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे हुए हैं। इन जगहों से 80 एमएलडी से ज्यादा शोधित पानी का दोबारा उपयोग उद्योगों, पार्कों व खेतों में किया जा रहा है। गुरुग्राम की कुछ कपड़ा फैक्ट्रियों में शोधित पानी का उपयोग करने के लिए उद्योगपतियों द्वारा लगभग 10 एमएलडी शोधित पानी जीएमडीए से खरीदा जा रहा है।

उधर, सिचाई विभाग द्वारा जीएमडीए से 70 एमएलडी पानी लेकर झज्जर के खेतों में सिचाई के लिए इसकी आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा बोटेनिकल गार्डन और ताऊ देवीलाल स्टेडियम के पेड़-पौधों में सिचाई के लिए शोधित पानी का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा सकतपुर और गैरतपुर बास के अरावली क्षेत्र में भी इस शोधित पानी को सिचाई के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पाइप लाइन बिछाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। - वाटर प्लस सहित अन्य मानकों के लिए गुरुग्राम नगर निगम की सर्वेक्षण की पूरी तैयारी है। नागरिकों से भी अपील है कि वे अपने घरों के आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने में मदद करें।

धीरज कुमार, संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) नगर निगम गुरुग्राम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.