जीना इसी का नाम है : पांच माह की बेटी के साथ वीडियो कालिग से बढ़ा मनोबल
कोरोना संक्रमित होने के बाद आइसीयू में भर्ती सीएसआर एडवाइजरी ट्रस्ट के रीजनल हेड व अतिरिक्त सीईओ गौरव सिंह ने अपनी पांच माह की बेटी के साथ वीडियो कालिग कर मनोबल बढ़ाया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना संक्रमित होने के बाद आइसीयू में भर्ती सीएसआर एडवाइजरी ट्रस्ट के रीजनल हेड व अतिरिक्त सीईओ गौरव सिंह ने अपनी पांच माह की बेटी के साथ वीडियो कालिग कर मनोबल बढ़ाया। गंभीर हालत में भी उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और कोरोना को मात दी। आइसीयू में भर्ती रहने के दौरान भी उन्होंने डाक्टरों से कहा कि आप इलाज कीजिए मैं कोरोना से जंग जीत लूंगा।
प्रदेश सीएसआर एडवाइजरी ट्रस्ट के रीजनल हेड व अतिरिक्त सीईओ गौरव सिंह को 29 अप्रैल को कोरोना के लक्षण महसूस हुए तो घर में आइसोलेट हो गए। जांच कराने पर रिपोर्ट पाजिटिव आई। स्वजन की जांच कराई तो उनकी मां भी संक्रमित पाई गई। घर पर ही रहते हुए उनको सांस लेने में दिक्कत हुई। जांच कराने पर फेफड़ों में संक्रमण पाया गया। आक्सीजन स्तर भी लगातार कम होता चला गया। आक्सीजन लेवल 68 तक पहुंचने पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल के आइसीयू में भर्ती किया गया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले खुद की काउंसिलिग की और नकारात्मक विचारों व खबरों से दूरी बनाई। इस दौरान डाक्टरों की टीम ने भी उनका पूरा सहयोग किया। उन्हें विश्वास दिलाया कि वे जल्द ही स्वस्थ होंगे। गौरव बताते हैं कि जब भी उनके मन-मस्तिष्क में नकारात्मकता का भाव जागृत होता तो वे अपनी पांच महीने की बेटी को वीडियो काल करते। अपनी बेटी की एक मुस्कुराहट से वे खिल उठते और अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करते। अपनी इसी मानसिक परिपक्वता के चलते धीरे धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार आया।
10 दिन तक आइसीयू में भर्ती रहने वाले गौरव का कहना है कि कोरोना पर विजय उन्हें मिली, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इसलिए लोग संक्रमण के दौरान खुश रहने का प्रयास करें। इस दौरान वे प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें और समय पर उचित डाक्टरी परामर्श से उपचार लेते रहें। इस दौरान भांप व काढ़ा का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है। लोग घर का वातावरण सकारात्मक रखें। इस दौरान उनको शरीर में कमजोरी तो महसूस हो रही है, लेकिन हौसले बुलंद है। मंगलवार को भी जांच के लिए वे अस्पताल पहुंचे। डाक्टरों ने उनको अब पूरी तरह स्वस्थ बताया है।