दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
एमिटी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। आयोजन में बुनियादी सुविधाओं (ढांचों), विकास और कानूनी आयाम पर हो रहे अनुसंधान विषय पर चर्चा की गई। इसमें देश के अलावा बांग्लादेश, जर्मनी और स्वीडन देशों के 150 अतिथिगण पहुंचे। सम्मेलन में शोध करने वाले विद्यार्थी और अन्य देशों से आए अतिथिगण विभिन्न विषयों पर हो रहे शोध और परिस्थितियों में बदलाव के अध्ययन के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : एमिटी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। आयोजन में बुनियादी सुविधाओं, विकास और कानूनी आयाम पर हो रहे अनुसंधान विषय पर चर्चा की गई। इसमें देश के अलावा बांग्लादेश, जर्मनी और स्वीडन देशों के 150 अतिथिगण पहुंचे। सम्मेलन में शोध करने वाले विद्यार्थी और अन्य देशों से आए अतिथिगण विभिन्न विषयों पर हो रहे शोध और परिस्थितियों में बदलाव के अध्ययन के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे।
सम्मेलन का आरंभ साउथ दिल्ली नगर निगम की चेयरपर्सन शिखा राय, हरेरा चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल ने किया। उन्होंने कहा कि कानून निर्माताओं को वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखकर कानून बनाना चाहिए। डॉ. खंडेलवाल ने कहा कि घर खरीदारों की कठिनाइयों का मुकाबला करने के लिए आरईआरए अधिनियम पेश किया गया था लेकिन अधिनियम को लागू कराने में कई समस्याएं सामने आ रही है। ऐसे में विद्यार्थियों को कानूनी मसौदा को विषय के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए।
सम्मेलन में लोगों के बुनियादी मुद्दे कानूनी नजरिये से भी देखे जाएंगे। आयोजन का मकसद बुनियादी ढांचे एवं विकास के कानूनी आयामों पर हो रहे अनुसंधान और कानूनी बदलाव पर मंथन करना है। सम्मेलन में प्रतिभागी पेपर प्रस्तुत भी करेंगे। इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो. पीबी शर्मा, उप कुलपति सेवानिवृत मेजर जनरल बीएस सुहाग समेत विवि के सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।