सुनिए वित्त मंत्री जी: ट्रांसपोर्टरों की सलाह, टोल-फ्री हो इंडिया
औद्योगिक हब साइबर सिटी के ट्रांसपोर्टरों को लोकसभा में पेश होने जा रहे केंद्रीय आम बजट से भारी उम्मीदें हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: औद्योगिक हब साइबर सिटी के ट्रांसपोर्टरों को लोकसभा में पेश होने जा रहे केंद्रीय आम बजट से भारी उम्मीदें हैं। इनकी सबसे बड़ी मांग टोल-फ्री इंडिया की है। इनका कहना है कि टोल के कारण सिर्फ ट्रांसपोर्टरों का ही नहीं देश को भी भारी नुकसान हो रहा है। एक फरवरी को जो बजट पेश हो रहा है उनमें टोल-फ्री इंडिया का प्रावधान होना चाहिए। टोल प्लाजा पर भारी जाम लगता है इसके कारण लोगों को भारी परेशानी होती है। माल ढुलाई भी प्रभावित होती है। इससे वायु प्रदूषण भी फैलता है। वहीं नो एंट्री मामले में भी ट्रांसपोर्टर राहत चाहते हैं। नई कबाड़ नीति को जल्द से जल्द लागू करने की मांग भी इनके द्वारा किया जा रहा है। एक फरवरी को पेश होने जा रहे केंद्रीय आम बजट पर हर वर्ग की निगाहें लगी हुईं हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। मेरी मांग है कि सरकार बजट में ऐसा प्रावधान करे कि डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाए।
विपुल नंदा, अध्यक्ष, कार कैरियर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ट्रांसपोर्ट क्षेत्र कई प्रकार की चुनौतियों से गुजर रहा है। ऐसे में केंद्रीय आम बजट से ट्रांसपोर्टरों को भारी उम्मीदें हैं। मैं केंद्रीय वित्त मंत्री को सुझाव देना चाहता हूं कि वह ऑटोमोबाइल पर प्रभावी 28 फीसद जीएसटी दर को घटाकर 18 फीसद करें।
रोहित सिंह तोमर, सचिव, कार कैरियर एसोसिएशन ऑफ इंडिया वन इंडिया वन टैक्स की बात हो रही है मगर ट्रांसपोर्टरों की ²ष्टि से देखा जाए तो उन्हें हर स्तर पर टैक्स देना पड़ रहा है। हर राज्य का टोल टैक्स भी उद्यमियों को चुकाना पड़ता है। केंद्रीय वित्त मंत्री से मेरी मांग है कि बजट में टोल-फ्री इंडिया का प्रावधान किया जाए।
प्रदीप मोदी, निदेशक, मोदी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन केंद्रीय आम बजट में इस बात का प्रावधान किया जाए कि जो ट्रांसपोर्टरों के जो भी 10 साल पुराने डीजल वाहन हैं उनके ऑफ रोड होने के बाद नए वाहन की खरीद पर जीएसटी में छूट दी जाए। ऐसा होगा तो ट्रांसपोर्टरों को काफी राहत मिलेगी।
- एचएस शर्मा, अध्यक्ष, गुरुग्राम ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन