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कुपोषण मुक्त गुरुग्राम को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

कुपोषण मुक्त गुरुग्राम को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को सिविल लाइन स्थित स्वतंत्रता सेनानी भवन में आंगनबाड़ी वर्करों एवं सुपरवाइजरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 06:54 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 06:54 PM (IST)
कुपोषण मुक्त गुरुग्राम को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कुपोषण मुक्त गुरुग्राम को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को सिविल लाइन स्थित स्वतंत्रता सेनानी भवन में आंगनबाड़ी वर्करों एवं सुपरवाइजरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका मकसद जिले में बच्चों के पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। यह अभियान फोर्टिस अस्पताल, सेव द चिल्ड्रन नामक स्वयंसेवी संस्था व जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।

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आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार ने कहा कि बच्चों को शुरू से ही पोषाहार देना अत्यंत आवश्यक है। यदि बच्चों को शुरू से ही संतुलित आहार दिया जाए तो वे न केवल स्वस्थ रहेंगे बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होगी। इस कार्य में आंगनबाड़ी वर्करों व सुपरवाइजरों की विशेष भूमिका है। अभियान के तहत महिलाओं को यह बताया जाए कि वह अपने बच्चों के खान-पान का किस प्रकार से ध्यान रखें। सीमित संसाधनों में भी वह बच्चों को उचित पोषाहार कैसे दें जिससे कि बच्चे स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को भी संतुलित पोषाहार की जानकारी जरूरी है ताकि गर्भ में पल रहा बच्चा और वह स्वस्थ रहे।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि समाज की अन्य संस्थाओं को भी आगे आकर इस प्रकार के जनहित के कार्यक्रमों से जुड़ना चाहिए ताकि समाज को सशक्त व स्वस्थ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सात दिनों तक चलेगा जिसमें इस अभियान के तहत आयोजित होने वाली गतिविधियों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग, गुरुग्राम की कार्यक्रम अधिकारी सुनैना ने बताया कि कम उम्र के बच्चों में यदि शुरू से ही सही पोषण देते हुए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए तो उनका शारीरिक व मानसिक विकास अच्छा होता है। उन्होंने बच्चे के जन्म से लेकर एक हजार दिनों तक की अवधि को पोषाहार की ²ष्टि से महत्वपूर्ण बताया।

फोर्टिस अस्पताल के डा. विकास दुआ ने बताया कि कुपोषण की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है यदि सभी इस दिशा में जागरूक बने। डा. राहुल भार्गव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज के कमजोर व कुपोषित बच्चों तक पहुंचकर उनका सही पोषण के लिए मार्गदर्शन किया जा सकता है।


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