एचईआरसी में आपत्ति दर्ज करने का आज अंतिम दिन, विरोध तथा पक्ष में उतरे लोग
शहर के 16 बिल्डरों के 300 करोड़ डिफाल्टिग राशि का मामला अब बेहद तूल पकड़ता जा रहा है। डिफाल्टर बिल्डर एरिया में कनेक्शन देने के लिए उपभोक्ताओं से विकास शुल्क के रूप में राशि वसूलने की पालिसी से उपभोक्ता खुश नहीं है।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: शहर के 16 बिल्डरों के 300 करोड़ डिफाल्टिग राशि का मामला अब बेहद तूल पकड़ता जा रहा है। डिफाल्टर बिल्डर एरिया में कनेक्शन देने के लिए उपभोक्ताओं से विकास शुल्क के रूप में राशि वसूलने की पालिसी से उपभोक्ता खुश नहीं है। अधिकतर उपभोक्ता इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस पालिसी के पक्ष में भी आगे आए हैं। उनका कहना है कि बिजली निगम कनेक्शन देने की एवज में प्रतिभूति राशि (सिक्योरिटी मनी) ले रहा है, जो बिल्डर के पैसा जमा कराने पर वापस कर दी जाएगी। उपभोक्ताओं के दावे तथा आपत्तियां सुनने की हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) में 24 जनवरी अंतिम तिथि है।
बिल्डरों को रिहायशी प्रोजेक्ट विकसित करने के साथ ही बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके देना होता है। बिजली निगम की लचर पालिसी के चलते सेक्टर-एक से 58 तक अधिकतर बिल्डरों ने इन्फ्राट्रक्चर तैयार नहीं किया। बिजली निगम की ऐसे बिल्डरों पर करीब 300 करोड़ रुपये इंडीक्वेशी (प्रोजेक्ट तैयार करने का बकाया आर्थिक मूल्य) खड़ी हो गई। बिजली निगम के बार-बार नोटिस देने के बाद भी बिल्डर पैसा देने को तैयार नहीं हुए तो निगम ने इन बिल्डर एरिया में दो जुलाई को कनेक्शन देने पर पाबंदी लगा दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद बिजली निगम के अधिकारियों ने कनेक्शन जारी करने के लिए नई पालिसी तैयार की है। इस पालिसी के तहत बिजली निगम उपभोक्ता से विकास शुल्क के रूप में करीब 20 हजार रुपये प्रति किलो वाट राशि जमा कराएगा।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में इस संबंध में (एचईआरसी) में एक याचिका भी दायर की है। विकास शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं से राशि वसूलने की याचिका पर एचईआरसी 24 जनवरी को सुनवाई करेगा। इससे पहले एचईआरसी ने सार्वजनिक सूचना के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं से इस याचिका पर दावे तथा आपत्तियां मांगी है। अधिकतर लोग बिजली निगम के इस पालिसी के विरोध में खड़े हो गए हैं। बड़ी संख्या में एचईआरसी में आपत्तियां दर्ज की गई है। सोमवार को आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तिथि है। सोमवार को भी आरडब्ल्यूए के काफी प्रतिनिधि इसके विरोध में आपत्ति दर्ज करेंगे।
पालिसी के विरोध में खड़े लोग
बिजली निगम की उपभोक्ताओं से विकास शुल्क के रूप में राशि वसूलने की पालिसी बिल्कुल गलत है। हम इस पालिसी का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं। अपराध कोई करे सजा कोई भुगते।
पवन यादव, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, सुशांत लोक एक्सटेंशन
बिजली निगम की पालिसी से उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ेगी। हम सब मिलकर इस पालिसी के विरोध में एचईआरसी में आपत्तियां दर्ज करा रहे हैं। डीटीपी से ओसी लेने के बाद भी लोगों को कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं।
सुदक्षिणा लाहा, कार्यकारिणी सदस्य, आरडब्ल्यूए, सुशांत लोक, दो-तीन बिजली निगम ने जो पालिसी बनाई है। वह पूरी तरह से बिल्डर के हितों में दिख रही है। उपभोक्ताओं से बिल्डर की डिफाल्टिग राशि वसूलना गलत है। यह गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है। बिजली निगम बिल्डरों से ही राशि वसूले।
नवनीत, उपाध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, आर्केड आइसलैंड, सेक्टर-51 आज बिल्डर बिजली निगम का पैसा नहीं दे रहे तो उपभोक्ताओं से राशि वसूलने की पालिसी बना दी। कल बिल्डर नगर निगम का पैसा भी नहीं देगा तो भी लोगों से वसूली का डंडा घूमेगा। यह पालिसी बिल्कुल गलत है।
हरीश यादव, अध्यक्ष, आरडब्लूए, सेक्टर-56
पालिसी के पक्ष में भी बोले लोग
अगर बिल्डर राशि जमा नहीं करा रहा है तो इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। निगम ने जो पालिसी बनाई है। वह राशि सिक्योरिटी के रूप में ली जा रही है।। इस पालिसी में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उपभोक्ता को इस समय बिजली कनेक्शन चाहिए।
राजीव अग्रवाल, आर्किटेक्ट, मालिबू टाउन पिछले छह महीने से बिजली कनेक्शन ना मिलने के कारण उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली निगम ने बिल्डरों से पैसा वसूलने को सभी प्रयास कर लिए। बिल्डर इस मामले को लेकर अदालत में चले गए। बिल्डर पैसा देगा तो यह राशि वापस कर दी जाएगी।
डा. सुनील आर्य, ग्रीनवुड सिटी, सेक्टर-46