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बजट बिगुल: आटोमोबाइल सेक्टर के भविष्य को राह पर लाने वाले बजट की उम्मीद

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण आटोमोबाइल सेक्टर लगातार बैकफुट है। ऐसे में इस सेक्टर के लिए आने वाला आम बजट 2022-23 काफी महत्वपूर्ण है। उम्मीद की जा रही है कि यह आटोमोबाइल इंडस्ट्री के भविष्य को राह पर लाने वाला साबित होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:29 PM (IST)
बजट बिगुल: आटोमोबाइल सेक्टर के भविष्य को राह पर लाने वाले बजट की उम्मीद
बजट बिगुल: आटोमोबाइल सेक्टर के भविष्य को राह पर लाने वाले बजट की उम्मीद

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण आटोमोबाइल सेक्टर लगातार बैकफुट है। ऐसे में इस सेक्टर के लिए आने वाला आम बजट 2022-23 काफी महत्वपूर्ण है। उम्मीद की जा रही है कि यह आटोमोबाइल इंडस्ट्री के भविष्य को राह पर लाने वाला साबित होगा। इसे लेकर देश के सबसे बड़े आटोमोबाइल हब, गुरुग्राम के उद्यमियों द्वारा कई प्रकार के सुझाव केंद्र सरकार को दिए जा रहे हैं। इनका कहना है कि आटो सेक्टर के लिए एक दूरगामी रणनीति बनाई जानी जरूरी है, जिससे इससे फिर से ट्रैक पर लाया जा सके। वाहनों के उत्पादन से लेकर उनके सेल प्वाइंट तक पर वर्तमान में प्रभावी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दर में कमी की जाए। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए भी कर में छूट दी जाए।

आम बजट में अफोर्डेबल आटो से संबंधित इको-सिस्टम तैयार करने पर बल दिया जाना चाहिए, जिससे एंड टू एंड स्तर पर वाहनों को खरीदने में लोग सक्षम बन सकें। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए इनसेंटिव भी प्रदान किए जा रहे है। इसके बावजूद अभी भी इस दिशा में काफी कुछ करने की जरूरत है। इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों को प्रोत्साहित करने को लेकर जीएसटी में विशेष रूप से छूट देने का प्रविधान किया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोगों को तक इसकी पहुंच हो सके।

फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) की ओर से भी केंद्रीय वित्त मंत्री से यह मांग की गई है कि दो पहिया वाहनों पर जीएसटी दर को घटाया जाए। इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी और दो प्रतिशत सेस का लगाया जाना उचित हैं। यह कोई लक्जरी वाहन नहीं है। निचले मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यूज्ड कार के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि अभी इस पर वर्तमान में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की जीएसटी है। इसे पांच प्रतिशत पर लाने की मांग की जा रही है।

सेमीकंडक्टर मामले में प्रभावी कदम उठे

वर्तमान में सेमीकंडक्टर आटोमोबाइल सेक्टर के लिए सबसे बड़ी चिता का विषय है। इस मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है। इसे लेकर डिजाइन लिक्ड इनसेंटिव (डीएलआइ) स्कीम को लाया गया है। मिनिस्ट्री आफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी ने 100 घरेलू सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई फर्मों से आवेदन मांगें गए हैं। इन सभी को इसके लिए इनसेंटिव प्रदान किया जाएगा। अभी इस मामले में देश की निर्भरता ताइवान पर है।

दुनिया भर में सबसे अधिक सेमीकंडक्टर का उत्पादन ताइवान स्थित कंपनी टीएसएमसी द्वारा किया जाता है। कोरोना काल में इसका प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है और अभी तक इसकी कमी बनी हुई है। जो आटोमोबाइल सेक्टर के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि आम बजट में इसे लेकर और भी महत्वपूर्ण घोषणा की जाएगी। आम बजट 2022-23 में आटोमोबाइल सेक्टर को फिर से ट्रैक पर लाने वाला होना चाहिए। आटोमोबाइल पर प्रभावी 28 प्रतिशत जीएसटी की दर को 10 प्रतिशत के स्लैब में लाने की जरूरत है। वहीं दो पहिया वाहनों की मार्केट में कम हो रही डिमांड को बढ़ाने के लिए भी बजट में प्रविधान होना चाहिए।

योगेश मुंजाल, सीएमडी, मुंजाल शोवा ग्रुप आने वाले आम बजट से उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने वाला कदम उठाया जाएगा। वाहनों की डिमांड मार्केट में बढ़ाने के लिए जीएसटी दर को घटाना समय की मांग है। वहीं कच्चे माल की कीमत को नियंत्रित करने को लेकर भी बात होनी चाहिए।

दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आप इंडियन इंडस्ट्री

सेमीकंडक्टर की कमी से वाहनों का बाजार प्रभावित हो रहा है। दिसंबर 2020 में जहां 18,56,869 वाहनों की बिक्री हुई थी। इसके मुकाबले दिसंबर 2021 में 15,58,756 वाहनों की सेल देश भर में हुई है। आने वाले बजट में आटोमोबाइल बाजार में सुधार को लेकर विशेष उपाय किया जाना चाहिए।

सुमित मंगला, डायरेक्टर, वीडी मोटर्स


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