मुआवजा वापसी को लेकर 21 को होगी 100 गांवों की महापंचायत
रविवार को गांव बास कुशला में आसपास के गांवों के किसानों ने पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही 21 अप्रैल को किसानों के समर्थन में 100 से ज्यादा गांवों की महापंचायत बुलाई गई है।
जागरण संवाददाता, मानेसर: रविवार को गांव बास कुशला में आसपास के गांवों के किसानों ने पंचायत की। पंचायत में आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही 21 अप्रैल को किसानों के समर्थन में 100 से ज्यादा गांवों की महापंचायत बुलाई गई है। इसके बारे में किसानों द्वारा जिला प्रशासन को पत्र लिख दिया है।
किसान राजेंद्र धनखड़ ने बताया कि एचएसआइआइडीसी (हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) द्वारा आसपास के गांव की जमीन फेज-5 के लिए अधिग्रहण की गई थी। जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए किसानों ने कोर्ट का सहारा लिया। वे मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए। सुप्रीम कोर्ट ने 37.40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से तय कर मामले को हाईकोर्ट में भेज दिया। हाईकोर्ट ने यह राशि बढ़ा दी जिसे 41.40 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया। मुआवजा राशि को ग्रामीणों ने ले लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस राशि को कम कर 37.40 लाख कर दिया और बढ़ी हुई राशि को वापस जमा कराने के आदेश दिए हैं। किसानों ने इसके विरोध में पंचायत का आयोजन किया है। इस दौरान प्रवीण धनखड़ सरपंच ढाणा, गुलबीर सिंह गब्बू अलियर, मूलचंद ढाणा, राजेंद्र धनखड़ ढाणा समेत काफी लोग मौजूद रहे।