बच्चा खरीद-फरोख्त मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम सम्मानित
बच्चा खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने पर डीएलएफ फेस-तीन थाना की टीम को पुलिस उपायुक्त (पूर्व) मकसूद अहमद ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: बच्चा खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने पर डीएलएफ फेस-तीन थाना की टीम को पुलिस उपायुक्त (पूर्व) मकसूद अहमद ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। पुलिस गिरोह के 16 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें चार महिलाएं तथा 12 पुरुष शामिल हैं। छह बच्चों को पुलिस ने अपने कब्जे में लेने के बाद बाल संरक्षण विभाग के जरिए फरीदाबाद स्थित बाल संरक्षण केंद्र भेज दिया था।
डीएलएफ फेज-तीन थाना प्रभारी मनोज यादव को इस उपलब्धि के लिए गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में परिवहन तथा खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने सम्मानित किया। इस गैंग को पकड़ने में जुटी टीम के सदस्यों को शुक्रवार को पुलिस उपायुक्त मकसूद अहमद (पूर्व) ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित की गई टीम में महिला सहायक उपनिरीक्षक रेखा, सहायक उप निरीक्षक वीरेंद्र, हेड कांस्टेबल नरेंद्र, सत्येंद्र, महिला कांस्टेबल कृष्णा, सिपाही संजय, सुरेंद्र, जयकिशन तथा महिला सिपाही ममता शामिल थे।
भूमि विवाद को लेकर हुई मारपीट, मामला दर्ज
संवाद सहयोगी, सोहना: गांव रिठौज में मकान बनाने के लिए नींव खोदाई करते वक्त विरोधी पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडे से हमला बोल दिया। घायल दोनों पक्ष के लोग हुए लेकिन पुलिस ने एक पक्ष के बयान लेने के बाद दूसरे पक्ष के तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। घटना 23 जनवरी को हुई थी। घायल का बयान बृहस्पतिवार को लेने के बाद भोंडसी थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज की।
गुरुग्राम के डब्ल्यू प्रतिक्षा अस्पताल में भर्ती सुरेंद्र पाल ने पुलिस को बताया कि 23 जनवरी को उनके चचेरे भाई अभिलाष अपने नए मकान के लिए नींव की खोदाई करा रहे थे। तभी गांव के ही बिल्लू के लड़के बिजेंद्र, संदीप, और अजयपाल आठ दस लोगों के साथ आए और मारपीट शुरू कर दी। सुरेंद्र पाल ने बचाव करने का प्रयास किया तो उन्हें भी आरोपितों ने मारा। घायलों को जिला अस्पताल लाया गया जहां से प्राइवेट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार ने बताया भूमि विवाद के चलते दोनों पक्ष में लड़ाई हुई। एक पक्ष की शिकायत मिलने पर मामला दर्ज किया गया।