फास्टैग के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था, टोल प्लाजा पर लंबा जाम
फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर रोजाना लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। खासतौर पर सुबह आठ से 11 बजे और शाम को पांच से रात नौ बजे तक टोल बूथों पर वाहनों की लंबी कतार होती है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर रोजाना लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। खासतौर पर सुबह आठ से 11 बजे और शाम को पांच से रात नौ बजे तक टोल बूथों पर वाहनों की लंबी कतार होती है। फास्टैग लेन यानी बूम बैरियर के नजदीक लगे कैमरे फास्टैग को जल्दी रीड नहीं कर रहे हैं। रीडिग नहीं होने से बैरियर नहीं हटते और वाहनों की लाइन लग जाती है।
यहां तक कि इमरजेंसी लेन में भी ट्रैफिक जाम हो जाता है। एंबुलेंस या अन्य आपात स्थिति के लिए यह लेन है कि लेकिन सामान्य वाहनों के लिए भी लेन खुली होने से एंबुलेंस भी इसमें फंस जाती है। उधर टोल प्रबंधन का कहना है कि हाल ही में फास्टैग सर्वर को अपडेट किया गया है, भविष्य में ऐसी परेशानी नहीं होगी।
टोल से गुजरते हैं 80 हजार से ज्यादा वाहन
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे के खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 70 से 80 हजार वाहन निकलते हैं। इन दिनों 82 हजार से ज्यादा वाहन गुजर रहे हैं। टोल प्लाजा में 25 लेन हैं। फास्टैग को कैमरे सही तरीके से रीड ही नहीं करते हैं। चालकों को कई बार वाहनों को आगे-पीछे करना पड़ता है। टोल की लेन में ऐसा होने पर अव्यवस्था हो जाती है। टोल के जनसंपर्क अधिकारी टेकचंद का कहना है कि हाल ही में फास्टैग के सर्वर को अपडेट कर दिया गया है। उम्मीद है कि इससे काफी राहत मिलेगी। उद्योगपति और नए गुरुग्रामवासी परेशान
खेड़कीदौला टोल के पार वाटिका, सेक्टर 82, 83, 84, 85, 86 सहित इस क्षेत्र की बड़ी सोसायटियों में लाखों लोग रहते हैं। शहर की तरफ आवागमन के लिए इस टोल को पार करना पड़ता है। मानेसर जाने वाले नौकरीपेशा लोगों के साथ ही उद्योगपतियों के लिए भी खेड़कीदौला टोल आफत बना हुआ है।