हाकी को ग्रास ग्राउंड से एस्ट्रोटर्फ पर ले गए एमके कौशिक: फूल कुमार
हरियाणा में हाकी को ग्रास ग्राउंड से एस्ट्रोटर्फ पर ले जाने का श्रेय एमके कौशिक को जाता है। उन्होंने ही हरियाणा हाकी को आधुनिक हाकी से पहचान कराई। प्रदेश का पहला हाकी एस्ट्रोटर्फ गुरुग्राम में लगवाने में कौशिक की बड़ी भूमिका रही थी।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
हरियाणा में हाकी को ग्रास ग्राउंड से एस्ट्रोटर्फ पर ले जाने का श्रेय एमके कौशिक को जाता है। उन्होंने ही हरियाणा हाकी को आधुनिक हाकी से पहचान कराई। प्रदेश का पहला हाकी एस्ट्रोटर्फ गुरुग्राम में लगवाने में कौशिक की बड़ी भूमिका रही थी। 1980 मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता टीम के खिलाड़ी रहे कौशिक ने कभी प्रदेश सरकार से मांग रखी और मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने तुरंत घोषणा कर दी थी कि नेहरू स्टेडियम हाकी एस्ट्रोटर्फ लगेगा।
पूर्व हाकी खिलाड़ी सेवानिवृत्त प्रशिक्षक फूल कुमार बताते हैं कि वर्ष 2000 में गुरुग्राम नेहरू स्टेडियम में सीनियर महिला राष्ट्रीय हाकी प्रतियोगिता खेली गई और इसी प्रतियोगिता में गुरुग्राम की प्रीतम सिवाच ठाकरान बेस्ट खिलाड़ी रही थीं। बाद में प्रीतम भारतीय टीम की कैप्टन बनीं। इसी प्रतियोगिता में प्रदेश के मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। यहीं पर चौटाला के समक्ष कौशिक ने विश्व हाकी के बदलते स्वरूप के संबंध में बताया कि अगर विश्व में मुकाबला करना है तो हरियाणा के खिलाड़ियों का भारतीय टीम में शामिल होना बहुत जरूरी है और इसके लिए खिलाड़ियों को एस्ट्रोटर्फ उपलब्ध कराने होंगे।
फूल कुमार ने कहा कि चौटाला व कौशिक के बीच इतनी बात हुई थी और उसी मंच से चौटाला ने घोषणा की थी कि गुरुग्राम में हाकी एस्ट्रोटर्फ लगाया जाएगा। कुमार आगे कहते हैं कि कौशिक हरियाणा खेल विभाग में उप निदेशक पदक पर कार्यरत थे और गुरुग्राम मंडल में तैनात थे। घोषणा के बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू कराने में कौशिक ने चंडीगढ़ व गुरुग्राम में आने-जाने में दिन रात एक कर दिया। यह बड़ा त्याग था। तब जाकर काम शुरू हुआ और 2004 में हरियाणा के खिलाड़ियों को हाकी एस्ट्रोटर्फ मिला। आज प्रदेश में दर्जनों टर्फ हैं। महाराज कृष्ण कौशिक ने जो शुरुआत -मेहनत की थी वह हरियाणा में आज रंग ला रही है।