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द स्काईकोर्ट में सजी बज्म-ए-शायरी

रविवार शाम को डीएलएफ गार्डनसिटी सेक्टर 86 स्थित द स्काईकोर्ट में बज्म-ए-शायरी नाम से एक शायराना शाम का आयोजन हुआ। इसमें शायरों ने अपनी गजलों से श्रोताओं को मुग्ध किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:05 PM (IST)
द स्काईकोर्ट में सजी बज्म-ए-शायरी
द स्काईकोर्ट में सजी बज्म-ए-शायरी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: रविवार शाम को डीएलएफ गार्डनसिटी, सेक्टर 86 स्थित द स्काईकोर्ट में 'बज्म-ए-शायरी' नाम से एक शायराना शाम का आयोजन हुआ। इसमें शायरों ने अपनी गजलों से श्रोताओं को मुग्ध किया। उर्दू के प्रतिनिधि शायरों से सजी इस शाम का आयोजन दिल्ली शायरी क्लब की ओर से किया गया था। इस आयोजन में श्रोताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उर्दू शायरी का बखूबी लुत्फ उठाया।

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आयोजन के दौरान कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। शायर, आकिब साबिर, अभिनंदन पांडेय, विपुल कुमार, अब्बास कमर और पल्लव मिश्रा ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं की वाहवाही लूटी। इन शायरों के कई शेरों पर दर्शकों ने जबरदस्त तालियां बजाकर स्वागत किया। इस दौरान कुछ निवासियों ने मंच पर आकर अपने-अपने दोहे और नज्में सुनाकर इस शाम को और भी गुलजार कर दिया। 'देर तक देखते रहने की सजा पाई है,

तेरी तस्वीर इन आंखों में उतर आई है।'

- अभिनंदन पांडे 'ऐसी महीन चोट पे ऐसा सटीक वार,

लगता तो है तीर किसी आशना का है।'

- अकीब साबिर 'आपकी सादादिली खुद आपकी तौहीन है,

हुस्नवालों को जरा मगरूर होना चाहिए'

- अब्बास कमर 'ये क्या हुआ की तेरी धुन में जिनसे बिछड़े थे,

उन्हीं के सामने तुझसे बिछड़ के रोना पड़ा'

- पल्लव मिश्रा


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