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स्वच्छ सर्वेक्षण: शहर में पहुंची केंद्र की टीम, चार दिन होगा सर्वे

साइबर सिटी में बृहस्पतिवार को केंद्र की टीम स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए पहुंच गई। यह टीम चार दिन तक शहर में रहकर सफाई व्यवस्था का जायजा लेगी। सर्वेक्षण के पैरामीटर पर शहर में नगर निगम द्वारा की गई तैयारियों और प्रोजेक्ट का आंकलन किया जाएगा। बता दें कि शहर के ओडीएफ प्लस कैटेगिरी में शामिल होने के बाद ओडीएफ प्लस प्लस का सर्वे भी हाल ही में एक टीम द्वारा किया गया है, जिसके नतीजे करीब 10 दिन में आने की संभावना है। इससे पहले स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में 73 शहरों को शामिल किया गया था। 2017 के सर्वेक्षण में 434 शहर और 201

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 06:08 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण: शहर में पहुंची केंद्र की टीम, चार दिन होगा सर्वे

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी में बृहस्पतिवार को केंद्र की टीम स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए पहुंच गई। यह टीम चार दिन तक शहर में रहकर सफाई व्यवस्था का जायजा लेगी। सर्वेक्षण के पैरामीटर पर शहर में नगर निगम द्वारा की गई तैयारियों और प्रोजेक्ट का आकलन किया जाएगा।

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बता दें कि शहर के ओडीएफ प्लस कैटेगरी में शामिल होने के बाद ओडीएफ प्लस-प्लस का सर्वे भी हाल ही में एक टीम द्वारा किया गया है, जिसके नतीजे करीब 10 दिन में आने की संभावना है। इससे पहले स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में 73 शहरों को शामिल किया गया था। 2017 के सर्वेक्षण में 434 शहर और 2018 के सर्वेक्षण में 4203 शहरों को रैं¨कग दी गई थी। 2018 में गुरुग्राम को 105वीं रै¨कग हासिल हुई थी। देश के टॉप 10 स्वच्छ शहरों की सूची में शुमार होने के लिए और ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। इस बार तय किए गए हैं 5000 अंक

- 2018 में 4000 अंकों पर आधारित था स्वच्छ सर्वेक्षण। - प्रत्येक भाग 1250 अंकों के होंगे और इस तरह इनको चार भागों में बांटा गया है।

-21 जनवरी तक किया जाएगा स्वच्छ सर्वेक्षण।

इन कमियों को दूर करने से बनेंगे सबसे स्वच्छ

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन: इको ग्रीन कंपनी ने अभी तक पूरे शहरों के घरों से कूड़ा उठाना शुरू नहीं किया है।

सेग्रीगेशन: गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग नहीं किया जा रहा है।

कूड़े का निपटान: शहर से निकलने वाले करीब 900 मीट्रिक टन कचरे के निपटाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट अभी बना नहीं है।

कंपोस्ट: कूड़े से कंपोस्ट बनाने के लिए प्लांट नहीं लगाए गए हैं। बल्क गारबेज जनरेटर -रेस्टोरेंट, होटल, अस्पतालों सहित बड़े संस्थानों ने अपने यहां कंपोस्ट यूनिट नहीं लगाई है।

एप: स्वच्छता एप का नहीं हो रहा उपयोग। ज्यादातर लोगों को नहीं है इस एप की जानकारी।

प्लांट: 2013 से बंद पड़ा है बंधवाड़ी प्लांट। 2019 में नया बंधवाड़ी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनकर तैयार होने की उम्मीद।

गीला-सूखा कचरा: घरों में गीले व सूखे कचरे को नहीं रखा जा रहा है अलग-अलग।

मैकेनिकल स्वी¨पग: मशीनों से सड़कों की सफाई और बेहतर करने की है जरूरत। शहर की सफाई व्यवस्था एक निरंतर प्रक्रिया है, जोकि चलती रहेगी। स्वच्छ सर्वेक्षण की रैं¨कग पिछले सालों के मुकाबले इस बार और अच्छी रहने की उम्मीद है और इसमें नागरिकों का सहयोग ज्यादा जरूरी है।

- यशपाल यादव, आयुक्त नगर निगम गुरुग्राम


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