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सत्संग: भक्त की आस्था को प्रभु ही समझ सकते हैं

गौशाला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को कथावाचक आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भक्त की आस्था को प्रभु ही समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी जीव को अपना दुख संसार के सामने नहीं बल्कि केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए। वे पालनहार हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 08:51 PM (IST)
सत्संग: भक्त की आस्था को प्रभु ही समझ सकते हैं
सत्संग: भक्त की आस्था को प्रभु ही समझ सकते हैं

जासं, गुरुग्राम: गौशाला मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को कथावाचक आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भक्त की आस्था को प्रभु ही समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी जीव को अपना दुख संसार के सामने नहीं बल्कि केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए। वे पालनहार हैं। वे शरण में आए भक्त के सारे दुखों को हर लेते हैं।

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आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि किसी भी जीव को ¨नदा स्तुति करने की बजाय प्रभु की ही चर्चा करनी चाहिए एवं सुननी चाहिए। भगवान का ¨चतन करने से उनकी कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है। विशाल पेड़ जिस प्रकार छोटी सी कुल्हाड़ी से कट जाता है उसी प्रकार प्रभु के चरण कमल का स्मरण करने से जीव के सारे पाप कट जाते हैं। आयोजन समिति के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन शर्मा ने बताया कि कथा श्रवण के लिए लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर ¨सह एवं हरियाणा डेयरी सहकारी विकास प्रसंघ के चेयरमैन जीएल शर्मा सहित काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।


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