15 जून से पहले साफ करने होंगे 350 रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
नगर निगम क्षेत्र में 350 रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बने हुए हैं। इन सिस्टम की सफाई नहीं हो रही है। अब सभी एक्सईएन को अपने क्षेत्रों के रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की सफाई करवाने के लिए 15 जून तक का समय दिया गया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम क्षेत्र में 350 रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बने हुए हैं। इन सिस्टम की सफाई नहीं हो रही है। अब सभी एक्सईएन को अपने क्षेत्रों के रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की सफाई करवाने के लिए 15 जून तक का समय दिया गया है। निगम कार्यालय की ओर से ये आदेश जारी कर दिए गए हैं।
हर साल मानसून में गुरुग्राम शहर में होने वाली करीब 600 से 700 एमएम बारिश के पानी का संचय करने का कोई इंतजाम नहीं है। बारिश का पूरा पानी नालों और सड़कों पर बह जाता है। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम और वर्षा जल बचाने के दावे करने वाला सरकारी महकमा भी इंतजामों के मामले में फेल साबित हो रहा है। नगर निगम क्षेत्र में फिलहाल 350 से ज्यादा में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम सालों से बंद पड़े हैं।
शहर में दिनोंदिन आबादी बढ़ने के चलते पानी की खपत भी बढ़ती जा रही है। हर साल शहर में पानी की किल्लत हो जाती है। सिर्फ नहरी पानी से करीब 30 लाख आबादी की प्यास नहीं बुझ सकती है। इसलिए नगर निगम क्षेत्र में करीब 650 बोरवेल लगे हुए हैं। इससे कहीं ज्यादा हजारों की संख्या में प्रतिबंध के बावजूद बोरवेल चलाकर जमीन से जल दोहन किया जा रहा है, लेकिन भूजल को रिचार्ज करने के लिए बनाए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम देखरेख के अभाव में बेकार हो गए हैं। अगर रेन वाटर हार्वेस्टिग को दुरुस्त कर दिया जाए तो भूजल को रिचार्ज किया जा सकता है। बोरवेल से जलदोहन, सूख रहा पानी
नगर निगम क्षेत्र के ज्यादातर गांवों में बोरवेल से पानी की सप्लाई हो रही है। नहरी पानी इन गांवों में नहीं पहुंचा है। निगम के मोहम्मदपुर झाड़सा, नरसिंहपुर, खेड़की दौला, सिही, गाडौली खुर्द, खांडसा, हरसरू, चौमा, मोलाहेड़ा, डूंडाहेड़ा, कार्टरपुरी, नाथूपुर, सिकंदरपुर घोसी, चकरपुर, सिलोखरा, कन्हई, वजीराबाद, घाटा, ग्वाल पहाड़ी, इस्लामपुर, समसपुर, तिघरा, घसौला, टीकरी, फाजिल्पुर झाड़सा, बहरामपुर, बेगमपुर खटौला, नाहरपुर रूपा, बादशाहपुर, सराय अलावर्दी, धनवापुर, बसई, गाडौली कलां, कादीपुर, सरहौल और झाड़सा में बोरवेल ही मुख्य रूप से पेयजल आपूर्ति का साधन है। इन गावों में कुछ में नहरी और बोरवेल दोनों से पानी की सप्लाई की जा रही है। ज्यादा जल दोहन के कारण बोरवेल सूखने लगे हैं। - मानसून से पहले सभी रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की सफाई करवाई जाएगी।
-वाईएस गुप्ता, एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर गुरुग्राम।