आरएफआइडी टैग के लिए व्यवसायिक वाहन चालक परेशान
रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग की कमी का असर शनिवार को सिरहौल बॉर्डर पर दिखा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) टैग की कमी का असर शनिवार को सिरहौल बॉर्डर पर दिखा। जहां पर व्यवसायिक वाहनों की लाइन लगी रहती है वहां सुबह 10 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। चालकों ने एक सुर में कहा कि पूरी तैयारी करने के बाद नियम लागू करना चाहिए था। हालांकि, टैग अनिवार्य की समय सीमा 23 अगस्त कर दी गई है लेकिन अधिकतर वाहन चालक बिना टैग लिए दिल्ली में प्रवेश करना नहीं चाहते हैं।
प्रतिदिन गुरुग्राम से होकर दिल्ली इलाके में हजारों व्यवसायिक वाहन प्रवेश करते हैं। अब ऐसे वाहनों के दिल्ली में प्रवेश के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) टैग अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर सिरहौल बॉर्डर के नजदीक स्थित दिल्ली नगर निगम के टोल टैक्स कलेक्शन सेंटर से शुक्रवार शाम तक केवल चार हजार टैग ही जारी किए गए। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने वाहनों के लिए टैग अब तक जारी नहीं किए गए हैं। शनिवार सुबह पांच बजे से ही कैब सहित अन्य व्यवसायिक वाहनों के चालक टैग के लिए काउंटर के सामने पहुंच गए थे। टैग न होने की वजह से सभी को निराशा हाथ लगी। जुर्माना लगने के डर से अधिकतर कैब चालक दिल्ली में प्रवेश करने की बजाय घर लौट गए।
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क्या है आरएफआइडी टैग
सभी प्रकार के व्यवसायिक वाहनों में अब रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) चिप लगाई जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। आने वाले समय में देश के सभी टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम विकसित किए जाने की योजना है।
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कैब चालकों की परेशानी
मैं सुबह छह बजे से ही काउंटर पर खड़ा हूं। कल भी कई घंटे खड़ा रहा लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा। वाहनों की संख्या के हिसाब से टैग उपलब्ध कराने की आवश्यकता थी।
-सलीम खान
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शुक्रवार को भी दिन भर लाइन लगी रही। अधिकतर लोग बिना टैग के ही वापस हो गए। काफी वाहन चालकों का पूरा दिन खराब हो गया। जितने वाहन हैं, उतने टैग की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
- मुंसशरीफ
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किसी भी नियम को लागू करने से पहले पूरी तैयारी होनी चाहिए। बिना तैयारी के नियम लागू करने से परेशानी होती है। मैं शनिवार सुबह पांच बजे से काउंटर पर खड़ा हूं। नींद भी खराब की और काम भी नहीं हुआ।
- सतीश कुमार
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दो दिन से टैग के चक्कर में काम नहीं कर पा रहा हूं। भारी नुकसान हो रहा है। जब वाहनों के हिसाब से टैग नहीं थे फिर नियम लागू ही नहीं करना चाहिए था। हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
- राजेश कुमार