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प्रिंस हत्याकांड: एसीएस व एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों को आठ नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने का नोटिस

शहर के नामी स्कूल में सात वर्षीय छात्र प्रिस की हत्या मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) समेत एसीपी व पुलिसकर्मियों को आठ नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 06:02 PM (IST)
प्रिंस हत्याकांड: 
एसीएस व एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों को आठ 
नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने का नोटिस
प्रिंस हत्याकांड: एसीएस व एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों को आठ नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने का नोटिस

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर के नामी स्कूल में सात वर्षीय छात्र प्रिस की हत्या मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) समेत एसीपी व पुलिसकर्मियों को आठ नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सीबीआइ की चार्जशीट में एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला चलाए जाने की मंजूरी नहीं देने को गैरकानूनी करार देने की याचिका स्वीकार कर ली। अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी।

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प्रिस हत्या मामले में गृह विभाग के एसीएस ने एसीपी समेत चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल करने की मंजूरी देने से मना कर दिया था। दो फरवरी को पंचकूला सीबीआई अदालत ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गुरुग्राम पुलिस आयुक्त (सीपी) पर कड़ी टिप्पणी की थी। 22 फरवरी को इन सभी अधिकारियों को अदालत में जवाब देने के आदेश दिए गए थे। अदालत ने कहा था कि पांच महीने से अधिकारियों ने सीबीआइ को मंजूरी नहीं दी। क्या अधिकारी कुंभकरणी नींद में सोए हुए हैं। एसीएस ने चार्जशीट में आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला चलाए जाने की संस्तुति देने से मना कर दिया था।

बता दें कि सोहना रोड स्थित एक स्कूल में आठ सितंबर 2017 को दूसरी कक्षा के छात्र प्रिस (कोर्ट द्वारा नाम) की हत्या कर दी गई थी। भोंडसी पुलिस ने इस मामले में उसी दिन स्कूल बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का आरोपित बनाया था। बाद में सीबीआइ को जांच सौंपी गई। सीबीआइ ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को निर्दोष माना। सीबीआइ ने स्कूल के ही एक छात्र को प्रिस की हत्या का आरोपित बनाया।

सीबीआइ ने अशोक कुमार को इस मामले में फंसाने के लिए तत्कालीन सोहना के एसीपी बिरेम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र खटाना, जांच अधिकारी उप निरीक्षक शमशेर सिंह व ईएएसआइ सुभाष चंद्र के खिलाफ सीबीआइ अदालत पंचकूला में चार्जशीट दाखिल की। सीबीआइ ने स्थानीय पुलिस की इस मामले की जांच में बड़ी चूक को उजागर किया है। सीबीआइ ने एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में सीबीआइ ने संबंधित विभाग के अधिकारियों की मंजूरी का पत्र दाखिल नहीं किया था। अदालत ने इस बात पर आपत्ति जताई।

सीबीआइ ने अदालत को बताया कि इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों से मंजूरी लेने के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन अधिकारियों ने उनके पत्र पर कोई संज्ञान नहीं लिया। सीबीआइ अदालत ने दो फरवरी को संबंधित तीनों अधिकारियों को 22 फरवरी को जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एसीपी समेत सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला चलाए जाने की मंजूरी देने से मना कर दिया था।

इसके बाद प्रिस के पिता ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार कर चार्ज शीट में आरोपित चारों पुलिस कर्मियों को नोटिस दिए हैं। याचिकाकर्ता के वकील सुशील टेकरीवाल इन सभीआरोपितों को अगली तारीख से पहले अदालत में अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है।


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