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सप्ताह का साक्षात्कार: तीसरी लहर से बचाव के लिए अभी से करनी होगी युद्ध स्तर पर तैयारियां: डा. बलराज सिंह यादव

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरी तरह कहर बरपा रखा है। इस दूसरी लहर से बचाव के लिए पहले से इंतजाम ना होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 06:17 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 06:18 PM (IST)
सप्ताह का साक्षात्कार: तीसरी लहर से बचाव के लिए अभी से करनी होगी युद्ध स्तर पर तैयारियां: डा. बलराज सिंह यादव
सप्ताह का साक्षात्कार: तीसरी लहर से बचाव के लिए अभी से करनी होगी युद्ध स्तर पर तैयारियां: डा. बलराज सिंह यादव

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरी तरह कहर बरपा रखा है। इस दूसरी लहर से बचाव के लिए पहले से इंतजाम ना होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है। इस लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा संक्रमित होने का खतरा है। तीसरी लहर में संक्रमण रोकने के लिए अभी से युद्ध स्तर पर तैयारियां करनी होगी। देश में बच्चों में कुपोषण की सबसे ज्यादा दिक्कत है। कुपोषण की समस्या के कारण बच्चों में भी इसका संक्रमण फैलेगा तो बड़ी समस्या खड़ी होगी। बाल रोग विशेषज्ञों की इस बारे में राय है कि जीरो से 18 आयु वर्ष के बच्चों के लिए भी शीघ्रता से वैक्सीन का इंतजाम किया जाए। बच्चे के जन्म के साथ ही कई तरह के टीकाकरण की तरह कोरोना टीकाकरण को भी इसमें शामिल किया जाए। इसके साथ ही जीरो से 18 आयु वर्ग के बच्चों को भी वैक्सीन का तुरंत इंतजाम किया जाए। बच्चों के कोरोना संक्रमण को लेकर दैनिक जागरण के महावीर यादव ने बाल रोग विशेषज्ञ डा. बलराज सिंह यादव से विस्तृत बातचीत की प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश:

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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर आपका नजरिया क्या है?

कोरोना की तीसरी लहर आने के बारे में भी संभावना जताई जा रही है। अभी सीनियर सिटीजन को वैक्सीन लगा दी गई है। 18 से 45 आयु वर्ग के लिए भी वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद बच्चे ही बिना वैक्सीन के रह जाएंगे। अगर तीसरी लहर आती है तो वह बच्चों पर ही सबसे ज्यादा प्रभाव डालेगी। वैक्सीन के बाद वायरस ज्यादा असरदार नहीं रह जाता है। सभी को वैक्सीन लगाने का काम करना होगा। जीरो से 18 आयु वर्ग के बच्चों को भी वैक्सीन लगाना शुरू कर देना चाहिए।

तीसरी लहर से बचाव के लिए किस तरह के इंतजाम की जरूरत है?

अगर तीसरी लहर आती है तो इसमें 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को ही ज्यादा खतरा रहेगा। अभी इस आयु वर्ग को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। हम केंद्र सरकार से यह आग्रह कर रहे हैं कि बच्चों को जन्म के साथ ही कोरोना वायरस का टीका भी जरूरी कर दिया जाए। हम जन्म के साथ बच्चों को लगाए जाने वाले टीका जैसे बीसीजी, पोलियो, टीबी और हेपेटाइटिस के टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं। उसी तरह से इन टीकों के साथ ही कोरोनावायरस का टीका भी लगाया जाए। वैक्सीन लगने के बाद वायरस के खतरे को रोका तो नहीं जा सकता। पर टीकाकरण होने के बाद वायरस उतना प्रभावी नहीं रहता है। इसके साथ ही तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें अभी से युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।

तीसरी लहर में बच्चों पर ही ज्यादा असर की संभावना क्यों जताई जा रही है?

देखिए, अभी हमने वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल वैक्सीनेशन से बच्चे ही बचे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि वायरस केवल बच्चों को ही प्रभावित करेगा। दूसरी लहर में भी काफी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। जब भी कोई महामारी आती है या कोई वायरस फैलता है। तो वह अपनी जगह ढूंढता है। जहां उसको जगह मिलती है। वहीं पर वह प्रभावी हो जाता है। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को हम वैक्सीन लगाकर कवर कर लेंगे। ऐसे में 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे ही बिना वैक्सीन के रहेंगे तो वायरस इसी आयु वर्ग पर आक्रमण करेगा। ऐसे में जो भी कोविड अस्पताल बना रहे हैं वहां बच्चों के लिए नियोनेटल केयर यूनिट (निक्कू वार्ड) भी तैयार करने के साथ-साथ बाल रोग विशेषज्ञ भी नियुक्त करने के कदम अभी से उठाने की जरूरत है। डाक्टरों की कमी खलेगी। ऐसे में हर कोविड अस्पताल के लिए बच्चों की देखरेख करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने की अभी से जरूरत है। अभी जो लोग कोरोना संक्रमित हैं उनके लिए आपका क्या संदेश है?

उनके लिए मेरा यही संदेश है कि हर हाल में सकारात्मक सोच रखें। अगर हम सकारात्मक सोच रखेंगे तो परिणाम भी सकारात्मक ही आएंगे। कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा। कोविड निर्देश को ना अपनाने से सबसे ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इसमें तीन चीजों का मुख्य रूप से ध्यान रखना है। सबसे पहले तो हमें शारीरिक दूरी बनाकर रखनी है। मास्क का हमेशा प्रयोग करना है और साफ सफाई स्वच्छता भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। संक्रमित होने के बाद चाहे अस्पताल में भर्ती हो या होम आइसोलेट हो। घबराना बिल्कुल नहीं है। तबीयत खराब होने पर खुद डाक्टर ना बनें। डाक्टर की सलाह लेकर नियमित रूप से दवा लेते रहें।

संक्षिप्त परिचय

नाम: डा. बलराज सिंह यादव (बाल रोग विशेषज्ञ)

जन्म: 10 मई 1969

जन्म स्थान: रेवाड़ी

डिग्री: महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज सेवाग्राम से एमबीबीएस किया।

पीजीआइ चंडीगढ़ से एमडी करने के बाद हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज में चयन हुआ था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने के उद्देश्य से नौकरी ज्वाइन नहीं की। बादशाहपुर में निजी क्लीनिक खोलकर सेवा शुरू कीं। फ्रेंड्स कालोनी में कृष्णा मेडिकेयर के नाम से बच्चों का अस्पताल चला रहे हैं।


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