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जहरीली हवा से निजात पर ध्यान नहीं देने से लोगों में नाराजगी

शहर में वायु प्रदूषण कम करने पर कोई काम नहीं होते देख अब लोगों में सरकार की नीतियों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। लोगों को कहना है कि वायु प्रदूषण के मुख्य कारण है और उनपर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वैसे तो शहर में

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:35 PM (IST)
जहरीली हवा से निजात पर ध्यान नहीं देने से लोगों में नाराजगी
जहरीली हवा से निजात पर ध्यान नहीं देने से लोगों में नाराजगी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर में वायु प्रदूषण कम करने पर कोई काम नहीं होते देख अब लोगों में प्रशासन की नीतियों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि शहर में वायु प्रदूषण के मुख्य कारण है और प्रशासन की ओर से उनपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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वैसे तो शहर में 8 अक्टूबर से लेकर अभी तक हर रोज जहरीली हवा बनी हुई है। मंगलवार को शहर में 368 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर वायु प्रदूषण दर्ज किया गया। 8 अक्टूबर से अभी तक कई बार ऐसा भी हुआ है कि वायु प्रदूषण 450 पीएम 2.5 से ज्यादा दर्ज किया गया है। जबकि 50 पीएम 2.5 से ज्यादा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। डीजल ऑटो बंद करने और सड़कों को रेहड़ी वालों से मुक्त कराने पर ध्यान देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। दोनों काम होने पर वायु प्रदूषण कम होगा। प्रशासन से लेकर सरकार तक शहर में जहरीली हवा पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। अब शहर वासियों को अपने लिए पर्यावरण सुधारने के लिए सड़कों पर उतरना चाहिए।

यशदीप पवार हैरानी की बात है कि नगर निगम शहर की सड़कों को रेहड़ी वालों से खाली नहीं करा सकती। पुलिस डीजल ऑटो वालों की मनमानी पर नकेल नहीं कस सकती। जिला नागरिक अस्पताल में अंदर जाने के लिए पैदल चलने वालों को भी मुश्किल है। गेट पर रेहड़ी व ऑटो वालों का कब्जा है। शमां टूरिज्म कॉमप्लेक्स के गेट के सामने ऑटो वालों की दादागीरी है जिन के सामने हर रोज कोई झगड़ा नहीं कर सकता।

विपुल शर्मा जिस तरह से ऑटो वालों की दादागीरी हो रही है उसे देखकर कभी कभी लगता है कि साइबर सिटी में हैं या किसी कस्बे में खड़े हैं। साइबर सिटी में कभी चंडीगढ़, बेंगलुरु की तरह ट्रैफिक व्यवस्था बन पाएंगी? जब 45 से 50 प्रतिशत वायु प्रदूषण डीजल ऑटो बंद करने से कम हो सकता है तो तुरंत सीएनजी ऑटो चलाने के आदेश क्यों नहीं दिए जा रहे।

शुभम हमारा दुर्भाग्य यह है यहां दुर्घटना से पहले कोई ध्यान नहीं दिया जाता। अब कह रहे हैं कि वायु प्रदूषण का समाधान किया जाए, तो कोई नहीं सोच रहा। समस्या विकराल रूप लेती जा रही। लोग वायु प्रदूषण के चलते बीमार हो रहे हैं। प्रदूषण के चलते हमारा जीवन कम हो रहा है।

भूपेंद्र ¨सह


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