औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर की दरकार
साइबर सिटी में ही नहीं पूरे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मसला बेहद गंभीर होता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी में ही नहीं पूरे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मसला बेहद गंभीर होता जा रहा है। ऐसे माहौल में औद्योगिक इकाइयों पर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के इस्तेमाल का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सर्दी के पिछले सीजन में इसी प्रकार का माहौल था। यही कारण है कि उद्यमियों द्वारा सरकार से इंडस्ट्रियल एरिया में पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार कराने की अपील की जा रही है। ऐसा होगा तो ही आने वाली सर्दी में उद्योगों को वायु प्रदूषण से परेशान नहीं होगी।
उद्यमियों द्वारा इस बात पर लगातार जोर दिया जा रहा है कि पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर उन्हें सब्सिडी रेट पर इस गैस की आपूर्ति की जाए। ऐसा होगा तो ही इंडस्ट्री इस गैस का खर्च उठाने में सक्षम होगी। डीजल और कोयले जैसे ईंधन से इस गैस की कीमत तीन गुना अधिक है। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि औद्योगिक इकाइयों में पीएनजी से संबंधित उपकरणों को लगाने में 15 से 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। पीएनजी मीटर लगवाने में भी लगभग सात लाख रुपये बतौर सिक्योरिटी राशि जमा करानी होती है। इस मामले में भी सरकार को उद्योगों के हितों का ध्यान में रखना होगा।
पीएनजी आपूर्ति करने वाली कंपनी द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि औद्योगिक इकाई के अंदर तक पीएनजी पाइप लाइन डालने का खर्च उद्यमी ही उठाएंगे। यह कीमत 500 से 1000 रुपये रनिग मीटर तक हो सकती है। वहीं पीएनजी बर्नर लगवाने के लिए भी उद्यमियों को 25 हजार से डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है। यही सही समय है जब सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने का काम करे। ऐसा होगा तो सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण की मार इंडस्ट्री पर नहीं पड़ेगी। पिछली सर्दी में पीएनजी इस्तेमाल का दबाव उद्योगों पर बढ़ गया था। जबकि इसका इंफ्रास्ट्रक्चर यहां नहीं है। फिर से ऐसा नहीं हो, इसके लिए इंडस्ट्री को किफायती रेट पर पीएनजी की आपूर्ति की जाए।
अनिमेश सक्सेना, अध्यक्ष, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन