दान में मिली जमीन वापस लेने के कानून के विरोध में आंदोलन
ब्राह्मण समाज सहित कई बिरादरी के लोग वजीरपुर रोड स्थित नीमराणा प्लेस पर 15 मार्च को एकजुट होंगे।
संवाद सहयोगी, फरुखनगर: ब्राह्मण समाज सहित कई बिरादरी के लोग वजीरपुर रोड स्थित नीमराणा प्लेस पर 15 मार्च को एकजुट होंगे। दोहलीदार, भोंडेदार, साझीदार, बुटिमार, मुकिरदार, चिस्तीदार आदि काश्तकार को दी गई जमीन का मालिकाना हक पंचायत एवं नगरपालिका को देने संबंधी कानून का विरोध करेंगे। यह जानकारी फरुखनगर कस्बे में ब्राह्मण समाज की प्रेसवार्ता में दी गई।
पटौदी क्षेत्र के अध्यक्ष गुलशन शर्मा, समाजसेवी राजवीर शर्मा और कृष्ण पंडित ने बताया कि निर्णय लिया गया है कि उन ब्राह्मण नेताओं का विरोध होगा, जिन्होंने इस कानून को लागू करवाने में समाज की अनदेखी की। समाज को भूमि से वंचित कराया है। हजारों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर ब्राह्मण समाज सहित कई समाज मसलन सेन समाज, प्रजापति समाज, जांगिड़ समाज, दलित, लुहार, मनिहार और जोगी आदि 15 मार्च को एकजुट होंगे। जिले के सभी गांवों में संपर्क साधा गया है। पांच-पांच लोगों की 10 टीमों का गठन हुआ है, जो इस कानून के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कानून को वापस लेने के लिए सभी 36 बिरादरी के लोगों का समर्थन है। इस मौके पर सुरेंद्र, विक्रम शर्मा, उमेश कौशिक, राजकुमार शर्मा, इंद्रजीत, रामनिवास शर्मा, तीर्थराम, नंदकिशोर, राकेश शर्मा आदि मौजूद रहे। यह है मामला
ब्राह्मण समाज को मालिकों ने 1832 से लेकर 1875 तक जमीन दान में दे रखी थी। वर्ष 2009 में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कैबिनेट में फैसला हुआ कि उक्त लोगों को मालिकाना हक दे दिया जाए जो कि वर्षों से काश्तकारी करते आ रहे थे लेकिन उनको जमीन बेचने या गिरवी रखने का हक नहीं था। वर्तमान सरकार ने फैसला लिया है कि उक्त जमीन को पंचायत दोहलीदार व अन्य समाज को दान में दी गई जमीन को पंचायत नगर पालिका या परिषद में शामिल कर दिया जाए। उस समय पंचायत और नगरपालिका और नगर परिषद नहीं थी। ऐसे में सरकार उनकी जमीन को पंचायत नपा परिषद को कैसे दे सकती है। ब्राह्मण समाज की मांग है कि सरकार दोहलीदार कानून में संशोधन को तुरंत प्रभाव से वापस ले और हरियाणा सरकार समाज की सेवादार व पुरोहित समाज को भूमि से वंचित न करें।