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मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरकत में आए अधिकारी

देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी के कर्मचारियों के लिए बनी मारुति कुंज सोसायटी के ऑडिट मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 06:14 AM (IST)
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरकत में आए अधिकारी
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरकत में आए अधिकारी

महावीर यादव, बादशाहपुर

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देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी के कर्मचारियों के लिए बनी मारुति कुंज सोसायटी के ऑडिट मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार ने मारुति कंपनी व मारुति सोसायटी को नोटिस जारी कर तुरंत रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है। मुख्यमंत्री के दरबार में मामला पहुंचने के बाद अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं। अधिकारी अब इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।

दि मारुति कर्मचारी सहकारी भवन निर्माण समिति भोंडसी में 917 सदस्य हैं। इन सदस्यों को 30 साल बाद भी अपने मकान का मालिकाना हक नहीं मिला है। समिति ने मारुति कंपनी प्रबंधन के साथ इस बारे में कई बार वार्ता भी की। लेकिन प्रबंधन की तरफ से हमेशा कोई ना कोई अड़ंगा लगा दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि वह अपने ऋण आदि की तमाम किस्त पूरी अदा कर चुके हैं। इसके बावजूद भी मालिकाना हक उनको नहीं मिल पाया। अपने मकान को लेकर बच्चों की पढ़ाई के लिए किसी बैंक से लोन आदि के लिए अगर अपने मकान के कागज बैंक में देते हैं तो बैंक उनको लोन देने से मना कर देता है।

करीब एक महीने पहले सोहना के विधायक संजय सिंह लोगों का धन्यवाद करने के लिए मारुति कुंज कॉलोनी पहुंचे थे। लोगों ने उनके सामने भी अपनी समस्या को रखा। विधायक संजय सिंह ने उपायुक्त अमित खत्री से बातचीत करके इस मसले को मुख्यमंत्री की कष्ट निवारण समिति की बैठक में पेश कराया। 15 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने इस मुद्दे को रखा गया। मारुति प्रबंधन ने कष्ट निवारण समिति की बैठक में अपना पक्ष रखते हुए 33 करोड़ रुपये की राशि समिति पर बकाया बता दी। जबकि समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि बैंक खाते आदि सभी कंपनी प्रबंधन के हाथ में है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले में ऑडिट कराकर पूरा लेखा-जोखा मांगा। यह है पूरा मामला

दि मारुति कर्मचारी सहकारी निर्माण समिति का गठन 1990 में किया गया था। मारुति कंपनी ने भोंडसी गांव की 107 एकड़ जमीन अधिकृत कर अपने कर्मचारियों के लिए रिहायशी कॉलोनी बनाने की योजना तैयार की थी। इस कॉलोनी को मारुति कुंज का नाम दिया गया। कॉलोनी के निर्माण के लिए समिति का गठन किया गया। गठन के कुछ समय तक तो समिति का ऑडिट होता रहा। लेकिन 1998 के बाद से अब तक समिति का ऑडिट नहीं हुआ है। समिति तो ऑडिट कराने के लिए हमेशा से तैयार है। मारुति प्रबंधन को पहले भी कई बार ऑडिट कराने के लिए समिति की तरफ से आग्रह किया गया है। समिति के पास जो भी रिकॉर्ड है। वह तुरंत उपलब्ध करा दिया जाएगा।

विजय सांगवान, अध्यक्ष, दि मारुति कर्मचारी सहकारी निर्माण समिति, भोंडसी मुख्यमंत्री ने एक माह में समिति का ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं। इसके लिए संबंधित सभी को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के नोटिस दिए गए हैं। मारुति प्रबंधन को जमीन खरीदने संबंधित व किस कर्मचारी के पास कितनी देनदारी और कितनी देनदारियां हैं। सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है।

बंसीलाल, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां


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