डीएसपी के बलिदान के बाद नूंह को मिला खनन अधिकारी
आदित्य राज, गुरुग्राम डीएसपी सुरेंद्र सिंह के बलिदान ने प्रदेश सरकार की आंखें खोल दीं। अब नूंह जिल
आदित्य राज, गुरुग्राम
डीएसपी सुरेंद्र सिंह के बलिदान ने प्रदेश सरकार की आंखें खोल दीं। अब नूंह जिले में भी खनन माफिया पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सकेगी। इसके लिए अलग से खनन अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। साथ ही खनन अधिकारी को 10 पुलिसकर्मी और 10 रक्षक (माइनिग गार्ड) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नूंह में कार्यालय की व्यवस्था होने तक सभी गुरुग्राम खनन कार्यालय में ही बैठेंगे।
प्रतिबंध के बाद भी जीवनदायिनी माने जाने वाली अरावली का सीना छलनी किया जा रहा है। इसे देखते हुए लंबे समय से नूंह जिले के लिए अलग से खनन अधिकारी लगाने की मांग की जा रही थी। साथ ही खनन अधिकारी को पुलिसकर्मी भी उपलब्ध कराए जाने की मांग थी। मांग स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार ने नूंह के खनन अधिकारी की जिम्मेदारी राजेश सांगवान को सौंपी है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी भी संभाल ली है।
अभी तक गुरुग्राम और नूंह के खनन अधिकारी की जिम्मेदारी अकेले अनिल अटवाल संभाल रहे थे। उनके पास केवल 10 गार्ड थे। पुलिस की सुविधा नहीं थी। अरावली पहाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत दोनों जिलों के लगभग 250 गांव आते हैं। कुछ साल पहले खनन माफिया पर नजर रखने के लिए स्पेशल इन्फोर्समेंट टीम (एसईटी) बनाई गई थी। प्रभारी की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम, गुरुग्राम) प्रीतपाल को सौंपी गई थी। उसे भी इस साल अप्रैल महीने के दौरान भंग कर दिया गया था। इसके बाद से खनन माफिया बेलगाम हो गए थे। अब नूंह के लिए अलग से खनन अधिकारी लगाए जाने के बाद उम्मीद है कि माफिया के ऊपर काफी हद तक लगाम लगेगी।
आने-जाने में ही पूरा दिन निकल जाता था
गुरुग्राम कार्यालय में बैठने वाले अधिकारियों का नूंह क्षेत्र में जाने-आने में ही पूरा दिन निकल जाता था। दोनों जिले के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र लगभग 400 स्क्वायर किलोमीटर में है। यही वजह थी कि गुरुग्राम से टीम जब तक पहुंचती थी तब तक खनन माफिया अपना काम करके निकल जाते थे। मौके पर खनन माफिया पकड़े नहीं जाते थे। यदि खनन होते पहुंच जाते थे तो माफिया के लोग हमला करने से नहीं हिचकते थे। पिछले महीने सूचना मिलते ही अवैध खनन को रोकने के लिए डीएसपी सुरेंद्र सिंह मौके पर पहुंच गए थे। देखते हुए खनन कार्य में लगे लोग उन्हें कुचलते ही फरार हो गए थे। इससे पहले भी कई अधिकारियों के ऊपर खनन माफिया के लोग हमला कर चुके हैं।
कुछ वर्षों के दौरान जब्त वाहन
वित्तीय वर्ष नूंह गुरुग्राम
2017-18 85 10
2018-19 74 12
2019-20 87 73
2020-21 194 189
2021-22 387 172 सरकार द्वारा नूंह जिले के लिए अलग से टीम बना दी गई है। अब क्षेत्र में बेहतर तरीके से नजर रखी जा सकेगी। गुरुग्राम जिले में अवैध खनन न के बराबर है। पत्थरों की चोरी की शिकायत कभी-कभार सामने आती है। इसके ऊपर भी पूरी तरह अंकुश लगाने का प्रयास होगा।
-अनिल अटवाल, खनन अधिकारी, गुरुग्राम