कैंसर पीड़ित युवती के इलाज को सात समंदर पार से आई मदद
यदि अपनी मिट्टी से लगाव हो फिर व्यक्ति सात समुंदर पार भी रहे कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे ही पता चलेगा कि अपना कोई परेशान है वह उसकी सहायता करने के लिए आगे आ जाएगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अपनी मिट्टी से जुड़ाव हो और मदद का जज्बा हो तो दूरियों का कोई मतलब नहीं रह जाता। राष्ट्रीय सेवा भारती के अमेरिका में संयोजक व नि:स्वार्थ कदम नाम के संगठन के अध्यक्ष प्रमोद राघव को पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रही एक युवती के बारे में पता चला तो फौरन उसकी मदद में जुट गए।
दिल्ली एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में कैंसर पीड़ित मूल रूप से नारनौल की रहने वाली 19 वर्षीय युवती का इलाज चल रहा है। उसे ऑपरेशन के लिए 10 लाख रुपये की आवश्यकता थी। पांच लाख रुपये सरकारी योजना से प्राप्त हो गए जबकि तीन लाख रुपये पीड़ित के स्वजनों ने अपने स्तर पर किसी तरह व्यवस्था कर ली। दो लाख रुपये की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। इस बात की जानकारी जैसे ही अमेरिका के न्यूयार्क में रह रहे मूल रूप से गुरुग्राम निवासी प्रमोद राघव को मिली उन्होंने तत्काल एम्स के खाते में दो लाख रुपये की राशि जमा करा दी। नर सेवा ही नारायण सेवा
पीड़ित के पिता कपड़े की सिलाई का काम करते हैं। बेटी को कैंसर होने की पुष्टि होने के बाद वह उसे लेकर एम्स आ गए। एक साल तक किसी तरह इलाज कराया। जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन कराने की बात की, उनकी रातों की नींद उड़ गई क्योंकि पैसे की व्यवस्था करना कठिन था। इस बात की जानकारी युवती के चाचा ने नि:स्वार्थ कदम के महासचिव अरविद सैनी को दी। उन्होंने न केवल सरकारी योजना का लाभ उठाने के बारे में जानकारी दी बल्कि संगठन के अध्यक्ष प्रमोद राघव के सामने भी सहायता करने की बात रखी। युवती के स्वजनों ने नि:स्वार्थ कदम के प्रति आभार जताया है। अमेरिका से फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत में प्रमोद राघव ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। उन्होंने इस विचार को अपने जीवन में अपना रखा है।