अब पावर कट में भी नहीं थमेंगे औद्योगिक इकाइयों के पहिये
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने उद्योग जगत की एक बड़ी चिता का समय से समाधान कर दिया है। अब विभिन्न क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) क्षेत्र को भी राहत मिली है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने उद्योग जगत की एक बड़ी चिता का समय से समाधान कर दिया है। अब विभिन्न क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) क्षेत्र को भी राहत मिली है। ईपीसीए द्वारा इन सभी को बिजली उपलब्ध नहीं होने पर डीजल जेनरेटर के संचालन की छूट दे दी है, जो 30 नवंबर तक जारी रहेगी। दैनिक जागरण ने इस उद्यमियों की इस समस्या को लगातार प्रमुखता से उठाया था। औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे त्योहारी सीजन में औद्योगिक माहौल और भी बेहतर बनेगा। इस समय आटोमोबाइल, फर्निचर, इंजीनियरिग और वस्त्र उद्योग सहित अन्य क्षेत्र की कंपनियों को बड़े पैमाने पर आर्डर मिले हैं। इस राहत से उनका काम बीच-बीच में पावर कट के कारण बाधित नहीं होगा। बता दें कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर ईपीसीए के आदेश पर गुरुग्राम में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को लागू किया गया था। इस दौरान औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेटर चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। ऐसे में उद्यमियों द्वारा लगातार इस बात की मांग की जा रही थी कि वह जेनरेटर का इस्तेमाल सिर्फ विकल्प के रूप में कर रहे थे। ऐसे में उन्हें बिजली नहीं होने पर इसके संचालन की छूट दी जाए। अगर ऐसा नहीं होगा तो कोविड-19 संकट के दौरान विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहे उद्योगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा और उनके आर्डर भी समय से पूरे नहीं होंगे। उद्यमियों की समस्याओं को देखते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वार ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरे लाल पत्र लिए उद्यमियों के राहत की मांग की गई थी। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
डीजल जेनरेटर को चलाने की छूट को लेकर कई उद्यमियों में दुविधा की स्थिति बनी हुई है। उनका कहना है कि छूट देने से संबंधित जो अनुमति पत्र है उसमें प्रोसेस उद्योग का नाम है। हालांकि औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि ईपीसीए द्वारा सभी प्रकार की औद्योगिक इकाइयों को डीजल जेनरेटर के संचालन की छूट दी है। सभी के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वह जेनरेटर का संचालन कब-कब और कितने समय के लिए कर रहे हैं इसे लागबुक में दर्ज करना होगा।
औद्योगिक इकाइयों एवं आइटी क्षेत्र की कंपनियों को बिजली नहीं होने पर डीजल जेनरेटर चलाने की अनुमति मिलना एक सकारात्मक कदम है। इसके लिए मैं प्रदेश सरकार, डीएचबीवीएन और ईपीसीए के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
- जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन डीजल जेनरेटर मामले में ईपीसीए ने जो राहत दी है उसका फायदा उद्योगों मिलेगा। वैसे इस बात की पूरी उम्मीद है कि बिजली निगम की ओर से उद्योगों के लिए भरपूर बिजली की आपूर्ति होगी जिससे जेनरेटर चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
- प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन