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निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की अधिसूचना जारी, उद्योग जगत को लगा झटका

निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के मूल निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित कानून को लेकर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसे लेकर साइबर सिटी के उद्योग जगत द्वारा तीखी प्रतिक्रिया की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 08:48 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 08:48 PM (IST)
निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की अधिसूचना जारी, उद्योग जगत को लगा झटका
निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की अधिसूचना जारी, उद्योग जगत को लगा झटका

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के मूल निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित कानून को लेकर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसे लेकर साइबर सिटी के उद्योग जगत द्वारा तीखी प्रतिक्रिया की जा रही है। अधिकतर उद्यमियों का कहना है कि वह इस प्रकार के कानून के विरोध में पहले से ही हैं। अब ऐसे समय इसे लागू किया जा रहा है जब उद्योग जगत तमाम बुरी परिस्थितियों से गुजर रहा है। इससे औद्योगिक उत्साह और विकास को झटका लगेगा। इस मामले में प्रदेश सरकार को फिर से विचार करने की जरूरत है।

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आरक्षण कानून के मुताबिक तीन माह में कंपनियों को पोर्टल पर अपने यहां नौकरियों की स्थिति को अपडेट करना पड़ेगा। यह कानून 10 साल तक प्रभावी रहेगा। इस कानून का उल्लंघन करने पर 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है। प्रति माह 50 हजार से कम वेतनमान वालों पर लागू होगा यह कानून। जिस कंपनी में अधिक कर्मचारी हैं वह भी इस कानून के दायरे में आएंगे। --

निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण के कानून को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने से उद्योग जगत को बड़ा झटका लगा है। यह समय और परिस्थित उद्योगों के अनुकूल नहीं है। ऐसे में समय में इस कानून को लागू करना ठीक नहीं है। इससे उद्योग जगत प्रताड़ित महसूस कर रहा है।

पवन यादव, अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, मानेसर --

उद्योग जगत के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे समय में निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के मूल निवासियों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित अधिसूचना की जानकारी मिल रही है। इससे उद्योगों की परेशानी बढ़ेगी। सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।

अनिमेश सक्सेना, अध्यक्ष, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण कानून को लेकर प्रदेश सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। यह समय अनुकूल नहीं है। इससे उद्योग जगत की चिता बढ़ेगी। अभी सरकार को उद्योगों को राहत देने के संबंध में सोचना चाहिए।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन --

उद्योग जगत कोरोना महामारी से उबरने का प्रयास कर रहा है। ऐसे समय में नौकरियों में आरक्षण की अधिसूचना से झटका लगा है। इस मामले में सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अभी उद्योग खड़ा होने की कोशिश कर रहा है।

दीपक मैनी, प्रदेश महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री


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