सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अपुष्ट सूचनाओं के विषय में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने फेक न्यूज पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सुप्रीम कोर्ट ने फेक न्यूज पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिया था। अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने गुरुग्राम के लोगों से अपील की है कि वे ऐसी कोई बात सोशल मीडिया पर नहीं लिखें व पोस्ट करें जिससे आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा हो।
पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस को लेकर लोग तरह तरह के पोस्ट सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। इससे लोग भ्रमित और भयभीत है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सोशल मीडिया पर अफवाह या बिना पुष्टि किये गलत पोस्ट डालने या उसे फॉरवर्ड करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें सजा का भी प्रावधान है। इस लिए ऐसे पोस्ट करने वाले विशेष सतर्कता बरतें, क्योंकि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साइबर सेल की टीम ने निगरानी बढ़ा दी है। उपायुक्त अमित खत्रर ने कहा कि लॉकडाउन में दूसरे राज्यों के लोगों के आने-जाने व उनकी समस्याओं को लेकर बिना किसी पुष्टि के मजाकिया ऑडियो, वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। इससे भ्रम और भय का माहौल पैदा हो रहा है। इस लिए सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो पोस्ट कर अफवाह न फैलायें। ऐसा करते पकड़े जाने पर उसके खिलाफ महामारी अधिनियम, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम व आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।