विविध गतिविधियां: नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2025 तक पचास प्रतिशत विद्यार्थी स्कूली और उच्चतर शिक्षा के दौरान वोकेशनल कोर्सों से परिचित हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2025 तक पचास प्रतिशत विद्यार्थी स्कूली और उच्चतर शिक्षा के दौरान वोकेशनल कोर्सों से परिचित हो जाएंगे। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और अपैरल ट्रेनिग एंड डिजाइन सेंटर ने स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों के लिए कार्यशाला की। इस दौरान वस्त्र उद्योग, फैशन स्टडीज और टेक्सटाइल डिजाइन कोर्सों के मांग, आवश्यकता और संभावनाओं को लेकर चर्चा हुई। इंस्टीट्यूशनल एरिया, परिधान विकास भवन में हुई कार्यशाला में एटीडीसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ विजय माथुर, निदेशक गुरप्रीत कौर और प्राचार्य बबिता सांगवान ने बताया कि किस तरह से इस क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ रही हैं और इसके लिए वोकेशनल कोर्स किए दक्ष युवाओं की आवश्यकता है। गुरप्रीत कौर ने बताया कि डिप्लोमा से स्नातक तक ऐसे कई कोर्स हैं जो फैब्रिक से लेकर फैशन डिजाइनिग और टेक्सटाइल इंजीनियरिग तक जुड़े हैं। इनमें विद्यार्थियों को अपार संभावनाएं मिल सकती हैं।
नीम के पौधे लगाकर संजोने का लिया संकल्प
संवाद सहयोगी, फरुखनगर: झंकार ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन बावडा बाकीपुर के परिसर में पौधारोपण अभियान के तहत नीम के 50 से अधिक पौधे लगाने के साथ ही कई फलदार पौधे लगाए। इंस्टीट्यूशन के निदेशक कपिश यादव ने कहा प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार हैं। प्रकृति का संरक्षण सभी जीव जगत के लिए बेहद अनिवार्य है प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी सर्दी वर्षा आदि सब प्रकृति के संतुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं संतुलित होगी तो पर्यावरण अच्छा होगा और मौसम भी समय अनुकूल संतुलित रहेंगे। पौधारोपण में डा. शिवकुमार चौहान, प्रोफेसर एसएम चौधरी, डा.निषाद साहा, अंजना, कोमल, डिपल, निकिता, शशि, स्नेहा शामिल रही।