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Haryana: अरावली इलाके में दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड रेल टनल

गुरुग्राम के सोहना में जिस इलाके से वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निकाला जा रहा है उस इलाके में लगभग दस लाख साल पुरानी अरावली पहाड़ी है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 11:03 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 12:36 PM (IST)
Haryana: अरावली इलाके में दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड रेल टनल
Haryana: अरावली इलाके में दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड रेल टनल

गुरुग्राम [आदित्य राज]। 24 जुलाई (शुक्रवार) का दिन भारतीय रेल (Indian Railway) के इतिहास का विशेष दिन बन गया, जब गुरुग्राम जिले में स्थित सोहना की अरावली पहाड़ी में बनाई जा रही एक किलोमीटर लंबी रेल टनल दोनों तरफ से खोल दी गई। इसके लिए बाकायदा विस्फोट किया गया था। यह दुनिया की पहली ऐसी टनल है, जिसमें मालगाड़ियों के लिए डबल इलेक्ट्रिफाइड रेल लाइन बिछाई जा रही है। इस पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ सकेंगी। जाहिर इससे माल समय से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेगा।

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बता दें कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) का निर्माण कई सालों से चल रहा है। यह उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी से गुरुग्राम (हरियाणा) और गुजरात होते हुए मुंबई तक बनाया जा रहा है। वर्ष 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है। गुरुग्राम के सोहना इलाके से होकर यह गुजर रहा है। सोहना में जिस इलाके से इसे निकाला जा रहा है उस इलाके में लगभग दस लाख साल पुरानी अरावली पहाड़ी है। इसके भीतर सुरंग बनाना काफी कठिन कार्य था, लेकिन भारतीय इंजीनियरों ने सुरंग बनाकर उपलब्धि हासिल की है।

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दादरी से रेवाड़ी तक बनाए जा रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एलाइनमेंट नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे व नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की एक्वा लाइन के ऊपर से निकलेगा।

यह ट्रैक सेक्टर-146 के पास से निकलेगा। यहां एक ब्रिज बनाया जाना है। ब्रिज का निर्माण डेडिकेटेड फेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) यह काम करेगा। इसके लिए यातायात में परिवर्तन किया जाएगा। 2020 तक रेवाड़ी से दादरी तक ये कॉरिडोर शुरू हो जाएगा।

परियोजना के पूरे होने के बाद मालगाड़ी की रफ्तार भी करीब 100 किमी. प्रति घंटे की होगी। इससे माल ढुलाई में लगने वाले समय करीब आधे हो जाएंगे, जो औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित होगा।


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