वेस्ट टू एनर्जी प्लांट निर्माण का इंतजार, तीन साल सिर्फ योजना बनाने में बीत गए
2017 में गुरुग्राम-फरीदाबाद में कचरा प्रबंधन कर रही इको ग्रीन एनर्जी ने काम शुरू किया था लेकिन तीन साल सिर्फ पर्यावरणीय मंजूरी व अन्य कागजी औपचारिकताओं में ही बीत गए। प्लांट का निर्माण नहीं होने से बंधवाड़ी में लाखों टन कूड़े का पहाड़ बन चुका है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बंधवाड़ी में देश के सबसे बड़े वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण तीन साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। 2017 में गुरुग्राम-फरीदाबाद में कचरा प्रबंधन कर रही इको ग्रीन एनर्जी ने काम शुरू किया था, लेकिन तीन साल सिर्फ पर्यावरणीय मंजूरी व अन्य कागजी औपचारिकताओं में ही बीत गए। प्लांट का निर्माण नहीं होने से बंधवाड़ी में लाखों टन कूड़े का पहाड़ बन चुका है। कंपनी द्वारा फिलहाल घरों से सिर्फ कूड़ा उठाने का कार्य किया जा रहा है। प्लांट न शुरू होने की वजह से समस्या बनी हुई है। ये कूड़े का पहाड़ दिनोंदिन ऊंचा होता जा रहा है।
शहर में कूड़ा तो रोजाना पैदा हो रहा है मगर उसके पूरी तरह से निपटाने की कोई व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है जिसका खामियाजा यहां के रनहे वालों को भुगतना पड़ेगा। बरसात के दिनों में तो इस कूड़े के ढेर से इतनी बदबू आती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
25 मेगावाट क्षमता का होगा प्लांट
वेस्ट टू एनर्जी यानी कचरे से बिजली पैदा करने का यह प्लांट 25 मेगावाट क्षमता का होगा। प्लांट निर्माण के लिए जमीन खाली करने का काम किया जा रहा है। बंधवाड़ी में लगे कूड़े के ढ़ेर का ट्रोमल मशीनों से निपटान किया जा रहा है। इसके लिए 10 मशीनें लगी हुई हैं। गुरुग्राम के घरों से रोजाना निकलने वाले लगभग 900 टन कूड़ा और फरीदाबाद का करीब 600 टन कूड़ा रोजाना बंधवाड़ी पहुंच रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के बावजूद गुरुग्राम निगम नई लैंडफिल साइट नहीं तलाश सका है।
नई लैंडफिल भी तैयार नहीं
फरीदाबाद से भी रोजाना निकलने वाले 600 टन से ज्यादा कूड़ा फरीदाबाद के ही गांव सीही में बनाई गई लैंडफिल साइट पर भेजे जाने की योजना है, लेकिन फिलहाल काम शुरू नहीं हुआ है। बता दें कि 2013 में बंधवाड़ी प्लांट खराब हो जाने के कारण वहां पर कूड़े का ढ़ेर लग चुका है
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