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केंद्र के कृषि सुधार कानूनों का उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने किया समर्थन! कहा- ओपन मार्केट सिस्टम जरूरी

वेकैंया नायडू ने कहा कि सर छोटूराम के बारे में युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। उनके विचारों का संकलन कर प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। छोटूराम ने धर्म के नाम पर देश के बंटवारा किए जाने का विरोध किया था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:20 PM (IST)
केंद्र के कृषि सुधार कानूनों का उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने किया समर्थन! कहा- ओपन मार्केट सिस्टम जरूरी
सर छोटूराम के लेख व भाषणों पर आधारित पुस्तकों के पांच संस्करण का विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करतेउपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू

गुरुग्राम [सत्येंद्र सिंह]। उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को गुरुग्राम के सेक्टर 44 में सर छोटूराम के लेख व भाषणों पर आधारित पुस्तकों के पांच संस्करण का विमोचन किया। इस मौके पर वेकैंया नायडू ने कहा कि सर छोटूराम हम सभी के आदर्श रहे हैं। मेरी खुद की इच्छा थी कि पुस्तक का विमोचन करें। मेरी यही इच्छा थी कि लोगों के बीच मे करें। सर छोटूराम के बारे में युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। उनके विचारों का संकलन कर प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।

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इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ भी मौजूद रहे।

केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत की। उन्होंने कहा कि मोरारजी देसाई, अटलजी, चौधरी चरण सिंह और देवीलाल सभी चाहते थे कि किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकें। किसानों के साथ सरकार का संवाद जरूरी है। देश के हित में है। किसानों को भी पता होना चाहिए कि उनकी भलाई के लिए मार्केट में क्या हो रहा है। ओपन मार्केट सिस्टम जरूरी है। डिमांड नहीं होने पर सरकार को खरीद करनी चाहिए। यह मेरा अपना मानना है।

वेकैंया नायडू ने कहा कि किसान की समस्या को राजनीति के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। किसानों को सड़क और बिजली चाहिए। किसान को फ्री सुविधा नही चाहिए। जो फ्री की बात करते हैं वह राजनीति करते हैं। कोरोना काल में सब प्रभावित हुआ। खेती पर भी असर नहीं पड़ा। कोरोना काल में कृषि उत्पादन बढ़ा है।

सर छोटूराम की तारीफ

उन्होंने कहा कि अभी भी हम लोग अंग्रेजियत से बाहर नहीं निकले हैं। सर छोटूराम ने धर्म के नाम पर देश के बंटवारा किए जाने का विरोध किया था। वह महान विचारक थे। आर्य समाज के साथ मिलकर काम किया। उनका कहना था कि गांव से देश मे खुशहाली आती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मातृ भाषा हमारा अंग है, अंग्रेजी चश्मा है। किसान का बेटा हूं, फिर भी यहां तक आ गया। देश के प्रधानमंत्री कान्वेट में नहीं पढ़े दुनिया में लोकप्रिय हो गए।

सीएम मनोहर लाल ने की दीनबंधु सर छोटूराम की तारीफ

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दीनबंधु सर छोटूराम की जीवनी, उनके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। वह समाज सुधारक थे। देश के प्रति उनके अंदर बेहद सम्मान करते थे। उन्होंने किसानों की बेहतरी के लिए काम किया। महात्मा गांधी से उनके विचार कई बार नही मिले पर सम्मान कम नही किया। मुझे खुशी है कि छोटूराम के विचारों का संग्रह उप राष्ट्रपति के द्वारा किया जा रहा है। जो खुद किसानों के लिए काम कर चुके हैं।

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि सर छोटूराम के विचार युवाओं तक जाने चाहिए। संकलित ग्रन्थ देश की धरोहर है।


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